एथेनॉल ब्लेंडिंग से बंद होती चीनी मिलों को पुनर्जीवित करने में मिली है मदद

नई दिल्ली, 04 अक्टूबर: वैश्विक जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के बीच देश में पर्यावरण अनुकूल माहौल बनाने में जुटे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गन्ना किसानों और चीनी उद्योगों के अच्छे दिन लाने के लिए कई नीतिगत फ़ैसले लिए है। बीते पाँच सालों में देश में जहाँ कृषि उत्पादन बढ़ा है वहीं चीनी मिलों की संख्या में इज़ाफ़ा होने के साथ उनकी वित्तीय स्थिति में भी सुधार हो रहा है। हाल ही में जारी ख़रीफ़ फ़सलों के उत्पादन अनुमानों पर बात करते हुए केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री परषोत्तम रुपाला ने कहा कि इस बार मानसून कुछ देरी से आया एवं बारिश के आसमान वितरण के बावजूद सरकार की तैयारी के कारण नगदी फ़सलों का उत्पादन अपेक्षाकृत अच्छा रहने की उम्मीद है। कृषि राज्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गन्ना किसानो को सहिलियतें देने का काम किया है वहीं चीनी मिलों के आर्थिक उन्नयन के लिए विशेष पैकेज देकर उनको मज़बूत करने का काम किया है। मंत्री ने कहा कि बीते पाँच सालों में देश में बंद पड़ी सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों को फिर से चालू किया गया है वहीं आर्थिक तंगी से जूझ रही चीनी मिलों के सुद्ढीकरण के लिए वित्तीय मदद करने का काम किया गया है। गन्ना किसानों की मांग और गन्ना आपूर्ति की माँग वाले जिलों में स्थिति चीनी मिलों की कार्य दक्षता बढ़ाकर वहाँ नवीन तकनीक से युक्त मशीनें लगाने का काम भी किया गया है।

मंत्री ने कहा कि बीते कुछ सालों से चीनी मिलों पर गन्ना किसानों के बकाया की समस्या को देखते हुए सरकार ने जमीनी स्तर पर सर्वे करके चीनी मिलों को बैंकों से आसान दरों पर बैंक ऋण दिलाने का काम किया है। घाटे में चल रही चीनी मिलों को उबारने के लिए गन्ने से एथेनॉलबनाने की स्वीकृति दी गयी है। सरकार की इस पहल से एक ओर जहाँ चीनी मिलों को अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति हो रही है वहीं गन्ने के शीरा और अन्य अवशेषों के सदुपयोग से चीनी मिलों को अतिरिक्त आय हो रही है। मंत्री ने कहा कि पैट्रोल में 10 प्रतिशत एथेनॉल मिलाने की अनिवार्यता के बाद गन्ने की खेती को जहाँ प्रौत्साहन मिला है वहीं बंद होती चीनी मिलों को पुनर्जीवित करने में मदद मिली है।

केन्द्र सरकार की गन्ना किसानो को प्रौत्साहन देने और चीनी मिलों को आर्थिक मज़बूती देने के मसले पर बात करते हुए केन्द्रीय कृषि आयुक्त डॉ एस के मल्होत्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का देश के गाँव गरीब और किसान प्राथमिकता में है। इसलिए गन्ना किसानो और चीनी मिलों का सम्मन्वित विकास किया जा रहा है। डॉ मल्होत्रा ने कहा कि सरकार ने तय किया है कि चीनी मिलों में स्थानीय युवाओं रोजगार के अवसर मिले इसके लिए सरकार ने नीति बनायी है जिसके तहत मिलों की कार्यदक्षता बढ़ाने के अलावा युवाओं को जॉब के अवसर दिलाने के प्रयास किए है। इसके अलावा चीनी मिलों में ख़ाली पड़ी ज़मीन पर एथेनॉल प्लांट लगाने के साथ मॉल बनाने की योजना पर भी काम किया जा रहा है ताकि चीनी मिलों को अतिरिक्त आमदनी हो सके।

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