नई दिल्ली: द हिन्दू बिजनेस लाइन में प्रकाशित खबर के मुताबिक, चावल जैसे फीडस्टॉक की अनुपलब्धता के कारण तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) द्वारा पेट्रोल के साथ मिश्रित एथेनॉल का प्रतिशत इस साल अगस्त में जुलाई में 11.77 प्रतिशत से गिरकर 11.72 प्रतिशत हो गया। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (एमओपीएनजी) ने जुलाई 2023 से भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा चावल की आपूर्ति बंद करने को सम्मिश्रण में गिरावट के लिए जिम्मेदार ठहराया।
एफसीआई चावल की आपूर्ति में कमी के कारण बाजार में फीडस्टॉक, अर्थात् घरेलू खाद्यान्न (डीएफजी) और मक्का की कीमतों में बढ़ोतरी हुई और अनाज आधारित एथेनॉल की आपूर्ति में प्रति सप्ताह 2.5-3 करोड़ लीटर की गिरावट आई। मंत्रालय ने कहा कि, अनाज आधारित डिस्टलरीज ने एक महीने से अधिक समय तक परिचालन बंद रखा। डिस्टिलरीज ने डीएफजी और मक्के की ऊंची कीमतों की भरपाई के लिए ऊंची कीमतें भी मांगीं।
ओएमसी ने अगस्त के दौरान दो चरणों में डीएफजी और मक्का से प्राप्त एथेनॉल की एक्स-मिल कीमत में वृद्धि की। डीएफजी आधारित एथेनॉल की कीमत 15.2 प्रतिशत बढ़ाकर 55.4 रुपये प्रति लीटर से 64 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है। मक्का आधारित एथेनॉल की कीमतें 17.2 प्रतिशत बढ़ाकर 56.35 रुपये प्रति लीटर से 66.07 रुपये कर दी गईं। ओएमसी ने एफसीआई चावल से डीएफजी और मक्का में फीडस्टॉक को बदलने की भी अनुमति दी है।