नई दिल्ली : भारतीय चीनी मिल संघ (ISMA) के अध्यक्ष रोहित पवार ने कहा कि, केंद्र सरकार द्वारा एक मजबूत ईंधन इथेनॉल नीति भारतीय चीनी बाजार में अधिशेष स्टॉक को कम करने में मदद कर सकती है। पवार ने कहा कि, इथेनॉल नीति को रिन्यूएबल एनर्जी के वैकल्पिक स्रोतों को खोजने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, साथ ही साथ अधिशेष गन्ने को चीनी या इथेनॉल में बदलने के लिए उत्पादन में लचीलापन विकसित करना चाहिए। भारत ने हाल के दो विपणन सत्रों में दो बम्पर फसलों का अनुभव किया, लेकिन वैश्विक कीमतों में दबाव के कारण निर्यात में कमजोरी देखी गई।
ISMA ने 2019-20 के चीनी उत्पादन के बारे में जारी किए गए रिपोर्ट में कहा है कि, भारत का 2019-20 चीनी उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में 19 प्रतिशत तक गिर सकता है। भारत में 2019-20 में 268.5 लाख टन चीनी का उत्पादन होने की उम्मीद है, जबकि पिछले वर्ष में 331.61 लाख टन का उत्पादन हुआ था। ISMA की एक विज्ञप्ति में कहा गया है: “2019-20 सीजन के दौरान कुल चीनी उत्पादन, इथेनॉल में भारी गुड़ / गन्ने के रस के डाइवर्जन के कारण चीनी की कमी के प्रभाव पर विचार किए बिना उत्पादन लगभग 268.5 लाख टन होगा।
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