पटना: केंद्र सरकार ने क्रूड आयल आयात पर निर्भरता कम करने के लिए इथेनॉल उत्पादन को बढावा दिया है। बिहार की नई इथेनॉल नीति से प्रदेश में इन्वेस्टमेंट बढ रही है। कई सारे उद्यमी बिहार में इथेनॉल प्लांट स्थापित करने के लिए उत्सुक है। इथेनॉल उत्पादन को लेकर पटना में मीटिंग बुलाई गई। बिहार के साथ-साथ देशभर के बाहरी उद्यमियों ने इसमें हिस्सा लिया। एमएलसी सच्चिदानंद राय ने कहा है कि, बिहार में तीस हजार करोड़ रुपए का निवेश आ रहा है। सौ से अधिक उद्यमियों ने इथेनॉल उत्पादन में अपनी रुचि दिखाई है। उन्होंने कहा, मै खुद एक इथेनॉल युनिट लगाने जा रहा हूं।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 जून, 2021 को साल 2025 तक भारत में इथेनॉल सम्मिश्रण के लिए रोडमैप पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट जारी की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, 20 फीसदी इथेनॉल ब्लेंडिंग पहुंच के भीतर है। 2025 तक 20 प्रतिशत इथेनॉल सम्मिश्रण से देश को अत्यधिक लाभ मिल सकता है, जैसे प्रति वर्ष 30,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत, ऊर्जा सुरक्षा, कम कार्बन उत्सर्जन, बेहतर वायु गुणवत्ता, आत्मनिर्भरता, क्षतिग्रस्त खाद्यान्न का उपयोग के साथ साथ किसानों की आय, रोजगार और निवेश के अधिक अवसर निर्माण होंगें।
zeenews.india.com में प्रकाशित खबर के मुताबिक, बिहार के बाहरी राज्य से भी उद्योगमी अवसर तलाश रहे है। पुणे के इंड्स्टीलिस्ट रि-ग्रीन एक्सेल इंडिया के चेयरमैन संजय देसाई ने कहा कि, बिहार में इथेनॉल उत्पादन के बड़े अवसर हैं। मैं इथेनॉल इंडस्ट्री लगाने में सहायता करता हूं। देश के विभिन्न हिस्से में मेरे सहयोग से इंडस्ट्री लगाई गई हैं। उत्पादन लाइसेंस मिल जाने के सालभर के अंदर कंपनी से उत्पादन शुरू हो जाता है।
हालही में बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा था कि, राज्य सरकार बिहार को देश के अग्रणी राज्यों की सूची में शामिल करने के उद्देश्य से राज्य में इथेनॉल के उत्पादन को बढ़ावा दे रही है।
आपको बता दे, मुंबई में स्थित केबीजे समूह ने भी बिहार में इथेनॉल प्लांट स्थापित करने के लिए कदम आगे बढ़ाया है। केबीजे ग्रुप के सीईओ मोहित कंबोज ने बिहार में इथेनॉल उत्पादन की संभावनाओं पर चर्चा करने के लिए 2 जुलाई 2021 को बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन से मुलाकात की थी।
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