गोंडा : उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में एक संशोधित चीनी मिल देखने को मिलेगी, जहां गन्ने के रस से सीधे एथेनॉल का उत्पादन किया जायेगा। जिले के कर्नलगंज तहसील के मैजापुर में 450 करोड़ रुपये की लागत से बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड द्वारा यह फैक्ट्री स्थापित की जा रही है। यहाँ पहले से ही एक मिल है, जिसकी क्षमता 3,000 टन गन्ना प्रतिदिन (TCD) पेराई करने की है। नया प्लांट 4,000-TCD क्षमता का है, जो गन्ना उपलब्ध नहीं होने पर प्रतिदिन लगभग 800 टन अनाज और 1,100-1,200 टन मोलासेस प्रोसेस किया जा सकता है। गोंडा और उत्तर प्रदेश के बाकी गन्ना किसानों के लिए यह नई मिल एक संभावित गेम-चेंजर है।
मैजापुर के यूनिट हेड संदीप अग्रवाल ने कहा की, हम पेराई सीजन (नवंबर-अप्रैल) के दौरान 150-160 दिनों के लिए गन्ना का उपयोग करेंगे, अगले 50-60 दिनों के लिए संग्रहीत मोलासेस (मुख्य रूप से कंपनी की अन्य मिलों से) और टूटे हुए चावल का उपयोग अन्य 140-150 दिन के लिए करेंगे। इस तरह, यह प्लांट वर्ष के 350 दिनों तक काम कर सकता है।