नई दिल्ली : चीनी मंडी
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने मंगलवार को एथेनॉल की कीमतों में बढ़ोतरी की, जिसका इस्तेमाल पेट्रोल में सम्मिश्रण के लिए किया जाएगा। एथेनॉल-मिश्रित ईंधन के कारण तेल आयात में भी कमी होगी।
आपको बता दे, बी- हैवी मोलसेस वाले एथेनॉल की कीमतें 52.43 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 54.27 रुपये प्रति लीटर कर दी गई हैं और वही दूसरी ओर सी-हैवी मोलसेस वाले एथेनॉल की कीमत 43.46 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 43.75 रुपये लीटर कर दी गई हैं। गन्ने के रस से सीधे बनने वाले एथेनॉल की कीमत में भी 29 पैसे की बढ़ोतरी कर भाव 59.48 रुपये प्रति लीटर तय किया गया।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि, दिसंबर 2019 और नवंबर 2020 के बीच तेल विपणन कंपनियों द्वारा एथेनॉल की खरीद 30 प्रतिशत बढ़कर 260 करोड़ लीटर हो जायेगी, जो पिछले वर्ष में खरीदे गए 200 करोड़ लीटर एथेनॉल से ज्यादा है। मंत्री ने कहा, अगले साल 6% से 7% तक एथेनॉल का पेट्रोल में मिश्रण किया जाएगा और 2021-22 तक 10% तक बढ़ जाएगा।
केंद्र सरकार का 2030 तक पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित करने का लक्ष्य है। चीनी मिलें चीनी की कीमतों में कमी, अधिशेष स्टॉक और गन्ना बकाया जैसे मुद्दों का सामना कर रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इथेनॉल का उत्पादन चीनी मिलों को वित्तीय स्थिति में सुधार करने और गन्ना बकाया को दूर करने में मदद करेगा।
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