भारत में एथेनॉल उत्पादन क्षमता बढ़कर 1,589 करोड़ लीटर हो गई: मंत्री प्रल्हाद जोशी

नई दिल्ली : केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि अब तक एथेनॉल उत्पादन क्षमता बढ़कर 1,589 करोड़ लीटर प्रति वर्ष हो गई है, जो देश की घरेलू एथेनॉल आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।

उन्होंने कहा कि, लगभग ₹ 1.05 लाख करोड़ के भुगतान के साथ, चालू चीनी सीजन के लिए 94.8% से अधिक गन्ना बकाया चुकाया जा चुका है, जिससे गन्ना बकाया सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। उन्होंने यह भी कहा कि, किसानों के हित में 2021-22 चीनी सीजन के लगभग 99.9% गन्ना बकाया चुकाया जा चुका है। पिछले चीनी सीजन 2022-23 के लिए 1,14,494 करोड़ रुपये के देय गन्ना बकाया के मुकाबले लगभग ₹ 1,14,235 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है और केवल 259 करोड़ रुपये का बकाया चुकाना बाकी है।मंत्री जोशी ने कहा कि इस प्रकार, किसानों को लगभग 99.8% गन्ना बकाया का भुगतान किया जा चुका है।

जून में पेट्रोल के साथ एथेनॉल मिश्रण 15.90 प्रतिशत तक पहुंच गया और नवंबर 2023-जून 2024 के दौरान संचयी एथेनॉल मिश्रण 13.0 प्रतिशत तक पहुंच गया। सरकार का लक्ष्य 2025 तक 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण हासिल करना है।इसे हासिल करने के लिए, लगभग 1016 करोड़ लीटर एथेनॉल की आवश्यकता है, और अन्य उपयोगों सहित इथेनॉल की कुल आवश्यकता 1350 करोड़ लीटर है। इसके लिए, 2025 तक लगभग 1700 करोड़ लीटर एथेनॉल-उत्पादन क्षमता की आवश्यकता है, यह देखते हुए कि संयंत्र 80% दक्षता पर संचालित होता है।सरकार ने दोपहिया और यात्री वाहन खंडों में पेट्रोल-आधारित वाहनों की वृद्धि और मोटर स्पिरिट की अनुमानित बिक्री को ध्यान में रखते हुए 2025 तक 20% मिश्रण के लिए आवश्यक इथेनॉल की मांग का अनुमान लगाया है।

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