देश में एथेनॉल उत्पादन क्षमता लगभग 1380 करोड़ लीटर है: सरकार

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री सुश्री साध्वी निरंजन ज्योति ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया की 30/11/2023 तक, देश में एथेनॉल उत्पादन क्षमता लगभग 1380 करोड़ लीटर है, जिसमें से लगभग 875 करोड़ लीटर मौलेसेस आधारित और लगभग 505 करोड़ लीटर अनाज आधारित है।

भारत सरकार पूरे देश में पेट्रोल में एथेनॉल मिश्रित (ईबीपी) कार्यक्रम लागू कर रही है, जिसमें तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी) एथेनॉल के साथ मिश्रित पेट्रोल बेचती हैं। ईबीपी कार्यक्रम के तहत सरकार ने 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य तय किया है।

2025 तक 20 प्रतिशत मिश्रण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, लगभग 1016 करोड़ लीटर एथेनॉल की आवश्यकता है और अन्य उपयोगों सहित एथेनॉल की कुल आवश्यकता 1350 करोड़ लीटर है। यह देखते हुए कि संयंत्र 80 प्रतिशत दक्षता पर संचालित होता है, इसके लिए 2025 तक लगभग 1700 करोड़ लीटर एथेनॉल उत्पादन क्षमता की आवश्यकता है। सरकार ने दोपहिया और यात्री वाहन श्रेणियों में पेट्रोल आधारित वाहनों की वृद्धि और मोटर स्पिरिट (एमएस) की अनुमानित बिक्री को ध्यान में रखते हुए 2025 तक 20 प्रतिशत मिश्रण के लिए आवश्यक एथेनॉल की मांग का अनुमान लगाया है।

इसके अलावा, ईबीपी कार्यक्रम के तहत निर्धारित सम्मिश्रण लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए देश में एथेनॉल उत्पादन क्षमता बढ़ाने की दृष्टि से, सरकार ने जुलाई 2018 से अप्रैल 2022 तक विभिन्न एथेनॉल ब्याज सबवेंशन योजनाएं अधिसूचित की हैं।

इन एथेनॉल ब्याज सबवेंशन योजनाओं के तहत, सरकार उद्यमियों को पूरे देश में नई डिस्टिलरीज (मौलेसेस आधारित, अनाज आधारित और दोहरे फ़ीड आधारित) स्थापित करने या मौजूदा डिस्टिलरीज (मौलेसेस आधारित, अनाज आधारित और दोहरे फ़ीड आधारित) का विस्तार करने की सुविधा दे रही है। बैंकों/वित्तीय संस्थानों द्वारा दिए जाने वाले ऋणों पर 6 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से या बैंकों/वित्तीय संस्थानों द्वारा लिए जाने वाले ब्याज दर का 50 प्रतिशत, जो भी कम हो, ब्याज छूट केंद्र सरकार द्वारा एक वर्ष के स्थगन सहित पांच वर्षों के लिए वहन किया जाता है।

नई एथेनॉल डिस्टिलरीज की स्थापना/मौजूदा एथेनॉल डिस्टिलरीज के विस्तार से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 40,000/- करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के अवसर आए हैं।

प्रभावी सरकारी नीतियों के कारण, तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) को एथेनॉल की आपूर्ति ईएसवाई 2013-14 में 38 करोड़ लीटर से 13 गुना से अधिक बढ़कर एथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2022-23 में लगभग 502 करोड़ लीटर हो गई है। सम्मिश्रण प्रतिशत भी ईएसवाई 2013-14 में 1.53 प्रतिशत से बढ़कर ईएसवाई 2022-23 में लक्षित 12 प्रतिशत हो गया है।

एथेनॉल की बिक्री के माध्यम से, चीनी मिलों के लिए नकदी प्रवाह में सुधार हुआ है जिसके परिणामस्वरूप गन्ना किसानों को शीघ्र भुगतान हुआ है। चीनी मिलों ने चीनी सीजन (एसएस) 2022-23 में किसानों के गन्ने का 98.3 प्रतिशत और पिछले एसएस 2021-22 में 99.9 प्रतिशत गन्ना बकाया चुका दिया है।

पिछले 10 वर्षों में, चीनी मिलों ने एथेनॉल की बिक्री से 94,000 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व अर्जित किया है, जिससे चीनी मिलों की आय में इजाफा हुआ है।

एथेनॉल के उत्पादन से पेट्रोल या कच्चे तेल के आयात में आनुपातिक कमी आई है जिसके परिणामस्वरूप भारत के लिए विदेशी मुद्रा की बचत हुई है। 2022-23 में, लगभग 502 करोड़ लीटर एथेनॉल के उत्पादन के साथ, भारत ने लगभग 24,300 करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा बचाई है और भारत की ऊर्जा सुरक्षा में सुधार हुआ है।

(Source: PIB)

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