सरकार एथेनॉल उत्पादन बढ़ाने के लिए कई विभिन्न उपाय कर रही है और इसी का नतीजा है की देश में एथेनॉल उत्पादन में पिछले कुछ सालों में अच्छी वृद्धि हुई है।
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के मुताबिक, 2014 तक, शीरा आधारित डिस्टिलरीज की एथेनॉल आसवन क्षमता सिर्फ 215 करोड़ लीटर थी। हालांकि पिछले 8 साल के दौरान सरकार द्वारा किए गए नीतिगत बदलावों के चलते यह क्षमता बढ़कर 569 करोड़ लीटर हो गई है। अनाज आधारित डिस्टिलरीज की क्षमता बढ़कर 298 करोड़ लीटर हो गई है, जो 2014 में 206 करोड़ लीटर थी। इस प्रकार महज 8 साल में कुल एथेनॉल उत्पादन क्षमता 421 करोड़ लीटर से बढ़कर 867 करोड़ लीटर हो गई है।
एथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ESY) 2013-14 में सिर्फ 1.53 फीसदी के मिश्रण स्तर के साथ ओएमसी कंपनियों को महज 38 करोड़ लीटर एथेनॉल की आपूर्ति हुई थी। 2013-14 से 2020-21 (दिसंबर-नवंबर) के दौरान ईंधन ग्रेड एथेनॉल का उत्पादन और ओएमसी को इसकी आपूर्ति 8 गुनी बढ़ चुकी है, अभी तक ओएमसी को लगभग 302.30 करोड़ लीटर एथेनॉल की आपूर्ति हो चुकी है।
आपको बता दे, बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय जैव-ईंधन नीति-2018 (National Policy on Biofuels -2018) में संशोधन को मंजूरी दी। जिसके कारण एथेनॉल उत्पादन को और भी ज्यादा गति मिलेगी।