पटना:केंद्र सरकार द्वारा एथेनॉल को बढ़ावा दिया जा रहा है।एथेनॉल उत्पादन के लिए सरकार चावल और गन्ने की बजाय मक्के की फसल पर जोर दे रही है, क्योंकि इसमें पानी की खपत कम होती है। मक्के से एथेनॉल का उत्पादन बढ़ाने के लिए भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान (IIMR) ने ‘एथेनॉल उद्योगों के जलग्रहण क्षेत्र में मक्का उत्पादन में वृद्धि’ नामक प्रोजेक्ट शुरू किया है।इसके तहत उन क्षेत्रों में मक्का उत्पादन बढ़ाने की कोशिश हो रही है।
बेगूसराय स्थित क्षेत्रीय मक्का अनुसंधान और बीज उत्पादन केंद्र की ओर से एथेनॉल प्रोग्राम की रणनीति पर एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया था।जिसमें आईआईएमआर की ओर से डॉ चिक्कपा जीके, डॉ आलोक साहू मौजूद रहे।मक्का वैज्ञानिक डॉ एस बी सिंह ने उन्नत प्रजाति के बीजों की जानकारी दी। डॉ. राकेश कुमार, बेमिती पटना बिहार सरकार के निदेशक ने भी खरीफ मक्का उत्पादन बढाने पर जोर दिया।
डॉ एसएल जाट ने कहा कि,सर्दियों के मौसम में पूर्वी बिहार में मक्का की खेती का विस्तार किया जाएगा।उन्होंने कहा,एथेनॉल की वजह से मक्का की मांग बढ़ रही है और किसानों को अच्छी कीमत प्राप्त हो रही है। इस वर्ष सरकारी नीतियों और डिस्टिलरी के आसपास मक्का जलग्रहण क्षेत्र विकास परियोजना से मक्का की उपज और क्षेत्रफल में भारी वृद्धि हुई है और 2024-25 में मक्का उत्पादन 44 मिलियन टन से अधिक होने की उम्मीद है।इस कार्यशाला से मिली सीख हमें बिहार के साथ-साथ पूर्वी भारत के संदर्भ में मक्का में बायो-एथेनॉल के लिए रणनीति और रोडमैप डिजाइन करने में मदद करेगी।