नई दिल्ली: देश में इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार हर संभव कोशिश कर रही है। इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए, सरकार अनाज आधारित डिस्टिलरीज को भी सब्सिडी वाले ऋण देने पर विचार कर रही है।
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, पेट्रोलियम और खाद्य मंत्रालय दोनों का मानना है कि 2030 तक पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इथेनॉल उत्पादन के लिए केवल गन्ने पर निर्भर नहीं रहा जा सकता है। इथेनॉल बनाने के लिए गन्ने के साथ साथ चावल, अनाज और अन्य के इस्तेमाल पर ध्यान देने की जरूरत है।
देश में 2022 तक पेट्रोल के साथ 10 प्रतिशत इथेनॉल संमिश्रण के लक्ष्य को प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। केंद्र सरकार भी चीनी की जगह इथेनॉल उत्पादन करने वाली मिलों को प्रोत्साहन दे रही है, जो मिलों को चीनी के उत्पादन से होनेवाले नुकसान पर काबू पाने में मदद करेगा।
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