राज्य सरकार ने पर्यावरण को लाभ पहुंचाने और किसानों को गारंटीशुदा उत्पादन दिलाने में मदद के लिए बांस की खेती की योजना शुरू की है। बांस से अनेक उत्पाद प्राप्त किये जा सकते है, जिससे किसानों को अधिक लाभ होगा।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार को महाबलेश्वर तहसील के दारे ताम गांव में वृक्षारोपण अभियान का उद्घाटन करते हुए राज्य के किसानों से समूह खेती के माध्यम से अधिक से अधिक बांस की खेती करने की अपील की।
बांस को किसानों के लिए बहुउद्देश्यीय फसल बताते हुए शिंदे ने कहा, “बांस की खेती के माध्यम से किसानों को अतिरिक्त व्यवसाय दिलाने के लिए सरकारी स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि बांस से एथेनॉल का उत्पादन भी किया जाता है और इससे कृषि अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। यदि एक हेक्टेयर गन्ना लगाया जाता है तो इसकी खेती के लिए 2 करोड़ लीटर पानी की आवश्यकता होती है। और अगर एक टन गन्ने की पेराई की जाए तो 80 लीटर एथेनॉल बनता है। इसी तरह एक हेक्टेयर बांस के लिए करीब 20 लाख लीटर पानी की जरूरत होती है। वहीं एक टन बांस से 200 लीटर एथेनॉल तैयार किया जाता है।