अक्टूबर से ही शुरू होगा इथेनॉल उत्पादन

सरकार ने इथेनॉल उत्पादन तीन साल में तिगुना बढ़ाने का लक्ष रखा है, इसके चलते गन्ने से सीधे इथेनॉल के उत्पादन की अनुमति देने के फैसले के बाद इस साल अक्टूबर में स्वतंत्र डिस्टिलरीज अपने परिचालन शुरू करने की योजना बना रहे हैं। इससे गन्ने की बम्पर उत्पादन से भी निपटा जायेगा और किसानों को गन्ने का अच्छा दाम मिलेगा । चीनी मिलों से जुड़ी डिस्टिलरीज में गन्ना क्रशिंग शुरू होने के चार सप्ताह बाद उत्पादन शुरू कर देगी। लेकिन सरकार ने चीनी मिलों को सीधे गन्ने से इथेनॉल के उत्पादन के लिए स्वतंत्र डिस्टिलरीज स्थापित करने की अनुमति दी। वो तो अक्टूबर से ही इथेनॉल उत्पादन करेंगी।

इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने अक्टूबर 2018 से शुरू होने वाले सीजन के लिए 35.5 मिलियन टन चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया (सीजन 2018- 19) है । सीजन 2017-18 में 32.25 मिलियन टन चीनी उत्पादन हुआ था । भारत की वार्षिक चीनी खपत का अनुमान 25.5 मिलियन टन है।

इस्मा के महानिदेशक अबीनाश वर्मा ने कहा की, इस साल ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड इन दोनों परियोजनाओं से 2,750 मिलियन लीटर की मौजूदा स्थापित क्षमता में 250 मिलियन लीटर इथेनॉल उत्पादन क्षमता को जोड़ा जाएगा। उनमें से एक बड़ा हिस्सा अक्टूबर 2018 तक उत्पादन शुरू करने के लिए तैयार है। जून में इस्मा ने अनुमान लगाया कि 2018-19 के लिए 5.44 मिलियन हेक्टेर में गन्ने की फसल है, जो 2017-18 की 5.04 मिलियन हेक्टेर की तुलना में गन्ना के खेतों में आठ प्रतिशत की वृद्धि होगी।

नई इथेनॉल क्षमता न केवल अतिरिक्त मात्रा में गन्ना क्रशिंग करेगी, बल्कि सरकार को इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम को भी बढ़ावा देगा। उद्योग सूत्रों का अनुमान है कि, सरकार 2017-18 में पेट्रोल के साथ 1,130 मिलियन लीटर इथेनॉल मिश्रण हासिल करेगी, जो पिछले वर्ष की तुलना में 71 प्रतिशत अधिक होगा।

सरकार के खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने 9 अगस्त को इच्छुक निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड इथेनॉल परियोजनाओं दोनों में संशोधन किया था। इससे जुड़ी डिस्टिलरीज गन्ने से सीधा इथेनॉल उत्पादन कर सकेंगी । जुलाई में सरकार के द्वारा स्वतंत्र डिस्टिलरीज के लिए निर्देश जारी कर दिए है ।

SOURCEChiniMandi

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