मुंबई: महाराष्ट्र में एथनॉल उत्पादन ने गति पकड़ी है और चीनी मिलें सरकार के 20 प्रतिशत एथेनॉल ब्लेंडिंग के लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरी कोशिश में जुटी हुई है। महाराष्ट्र के अलावा अन्य राज्यों में भी एथेनॉल उत्पादन को लेकर चीनी मिलें अच्छा प्रदर्शन कर रही है।
नेशनल फेडरेशन ऑफ़ कोओपरेटिव शुगर मिल्स असोसिएशन (NFCSF) ने कहा की, महाराष्ट्र में निजी और सहकारी चीनी मिलों के साथ-साथ स्टैंडअलोन डिस्टिलरी इकाइयों ने इस साल अक्टूबर तक निर्धारित 59.61 करोड़ लीटर के लक्ष्य के मुकाबले अब तक 65.06 करोड़ लीटर एथेनॉल का रिकॉर्ड उत्पादन और आपूर्ति की है।
NFCSF के अध्यक्ष जयप्रकाश दांडेगावकर ने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि, आधार मूल्य को बरकरार रखते हुए देश में ईंधन की कीमतों के साथ एथेनॉल की खरीद मूल्य भी बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा, राज्य ने एथेनॉल उत्पादन के लक्ष्य को हासिल कर लिया है और अब तक 65.06 करोड़ लीटर एथेनॉल की आपूर्ति की है। राज्य के लिए एथेनॉल उत्पादन का लक्ष्य 30 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि, देश में गन्ने का इस्तेमाल एथनॉल बनाने के लिए किया जा रहा है और यह उन मिलों के लिए कुछ हद तक मददगार साबित होगा जो इस समय आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। एथेनॉल बनाने से उन मिलों को मदद मिलेगी जो घाटे का सामना कर रहे हैं।
आपको बता दे, हालही में इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने कहा था कि, भारत 2025 तक 20% एथेनॉल मिश्रण हासिल करने की राह पर है। एक बैठक को संबोधित करते हुए, इस्मा के महानिदेशक अविनाश वर्मा ने कहा कि, देश मौजूदा 8.2 प्रतिशत से 2025 तक 20% प्रतिशत एथेनॉल उत्पादन करने में कामयाब हो सकता है।