बेंगलुरु: द हिन्दू में प्रकाशित खबर के मुताबिक, कर्नाटक के चीनी मंत्री शंकर पाटिल मुनेकोप्पा ने कहा कि, राज्य में चीनी उद्योग के इतिहास में पहली बार किसानों को उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) से ऊपर एथेनॉल राजस्व में से भुगतान पर विचार किया गया है। इसके हिस्से के रूप में, किसानों को एफआरपी पर प्रति टन 50 रुपये मिलेंगे, जिसका मतलब है कि गन्ना उत्पादकों को 204.47 करोड़ रुपये अतिरिक्त पैसा मिलेगा।
उन्होंने कहा, 2022-2023 पेराई सीजन में, सभी किसानों को पिछले सीजन की तुलना में प्रति टन 200 रुपये अधिक मिलेंगे। इसमें केंद्र द्वारा घोषित एफआरपी में 150 रूपये की वृद्धि शामिल है।
मंत्री पाटिल ने कहा, 2021-2022 में, 59.78 लाख टन चीनी का उत्पादन करने के लिए कुल 622.26 लाख टन गन्ने की पेराई की गई, और चीनी मिलों ने अक्टूबर के अंत तक 19,922 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। 2022-23 के पेराई सत्र में, यह अनुमान है कि 78 चीनी मिलें पेराई शुरू कर देंगी, जिनमें से 68 पहले ही शुरू हो चुकी हैं। इस सीजन में मिलों ने 38.77 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन करने के लिए 119.46 लाख टन गन्ने की पेराई की है।