कैनबरा / लंदन: ऑस्ट्रेलिया के साथ मुक्त व्यापार वार्ता में यूरोपीय संघ के वार्ताकार, यूरोप में चीनी की कमी के बावजूद, चीनी के लिए कम इतने आयात कोटा की पेशकश कर रहे है कि वे शिपिंग के लिए व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य नहीं है। यूरोपीय संघ में चीनी की कीमतें दो वर्षों में बहुत बढ़ी हैं, जिससे बड़े पैमाने पर खाद्य मूल्य मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी हुई है। इससे खरीदार आयात पर निर्भर हो गए है, जिन पर अधिकतर शुल्क लगता है।
यूरोपीय संघ 2018 से चीनी और अन्य कृषि वस्तुओं के प्रमुख उत्पादक ऑस्ट्रेलिया के साथ एक व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है।
रायटर्स में प्रकाशित खबर के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप में बातचीत से परिचित दो सूत्रों ने कहा कि, यूरोपीय संघ ने ऑस्ट्रेलिया से प्रति वर्ष लगभग 15,000-20,000 मीट्रिक टन टैरिफ-मुक्त कच्ची चीनी आयात की अनुमति देने का प्रस्ताव दिया है। एक सामान्य थोक शिपिंग वाहक लगभग 40,000 टन चीनी लोड करता है, और इससे कम शिपिंग करना व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य नहीं है। ऑस्ट्रेलिया के चीनी उद्योग से जुड़े जानकारों ने कहा, यूरोपीय संघ की पेशकश “निरर्थक, बिल्कुल निरर्थक” है।
यूरोपीय संघ और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापार वार्ता जुलाई में रुक गई थी। ऑस्ट्रेलियाई चीनी उद्योग संघ CANEGROWERS ने कहा कि, यूरोपीय संघ की तुलना में ब्रिटेन बहुत छोटा बाजार है, और इसने पहले वर्ष में ऑस्ट्रेलिया से 80,000 टन टैरिफ-मुक्त कच्ची चीनी के आयात की अनुमति देने और 2031 में टैरिफ समाप्त होने तक हर साल 20,000 टन अधिक की अनुमति देने पर सहमत हुआ। 50 वर्षों में ऑस्ट्रेलियाई चीनी की पहली शुल्क-मुक्त 33,000 टन की खेप पिछले महीने लंदन पहुंची। यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने पिछले महीने कहा था कि, यूरोपीय संघ को ऑस्ट्रेलिया के साथ और मेक्सिको तथा दक्षिण अमेरिकी ब्लॉक मर्कोसुर के साथ अपने मुक्त व्यापार समझौते को साल के अंत तक पूरा करने का प्रयास करना चाहिए।