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उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव आबकारी श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने आबकारी विभाग के समस्त अधिकारियों व कर्मचारियों की उ.प्र. कर्मचारी आचरण नियमावली, 1956 के प्राविधानों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये हैं।
आबकारी आयुक्त को मंगलवार 02 जुलाई 2019 को भेजे गये शासनादेश में कहा गया है कि प्रायः यह देखा जा रहा है कि राज्य के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा उ.प्र. सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली, 1956 का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। सेवा संबंधी व स्थानान्तरण संबंधी आदि को रूकवाने अथवा संशोधित किये जाने संबंधी निर्धारित प्रक्रिया के विरूद्ध शासन व अन्य स्तरों पर उचित माध्यम से प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने के स्थान पर, पारिवारिक सदस्यों की ओर से प्रतिवेदन प्रस्तुत किये जा रहे हैं, जो नियमसंगत नहीं है।
शासनादेश में कहा गया है कि इसको दृष्टिगत रखते हुए आबकारी विभाग के समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों को एक बार फिर निर्देशित किया जाता है कि सेवा अथवा स्थानान्तरण आदि के संबंध में उ.प्र. सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली, 1956 के प्राविधान खासतौर से नियम—27 एवं 27 (ए) के प्राविधानों का अक्षरशः रूप से अनुपालन सुनिश्चित किये जायें।
प्रमुख सचिव श्री भूसरेड्डी ने आबकारी आयुक्त को यह भी निर्देश दिये हैं कि उ.प्र. सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली, 1956 के प्राविधानों को विभागीय वेबसाइट/पोर्टल पर अपलोड कराना सुनिश्चित करें। इन निर्देशों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने की दशा में संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध उ.प्र. सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1999 के सुसंगत प्राविधानों के अनुसार कार्यवाही करते हुए निलंबित किये जाने पर भी विचार किया जाएगा। प्रमुख सचिव ने इन निर्देशों को प्रत्येक स्तर पर अक्षरशः कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं।