पोंडा: चीनी मंडी
बंद संजीवनी मिल, गन्ना कटाई में धीमापन और राज्य सरकार का नकारात्मक रवैया इसके कारण गोवा के किसानों में गन्ने की खेती करनी है या नहीं, इसको लेकर दुविधा में है। किसानों की इस दुविधा का समाधान करते हुए मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत उन्हें आश्वासन दिया कि, धरबंधोरा की संजीवनी सहकारी चीनी मिल उनसे गन्ना खरीदेगी, और किसान आगे भी गन्ना फसल की खेती जारी रखें। इस साल के पेराई सत्र के दौरान मिल को बंद रखने के सरकार के फैसले ने किसानों को एक चिंता में डाल दिया था। सावंत ने कहा कि, संजीवनी मिल अगले साल उनकी उपज की खरीद करेगी।
वर्तमान में, संजीवनी मिल द्वारा पेराई नही हो रही है, लेकिन मिल गोवा के किसानों से गन्ना खरीदती है और इसे कर्नाटक के खानापुर में लैला चीनी मिल में भेजा जाता है। मुख्यमंत्री ने किसानों को यह भी आश्वासन दिया कि, उनके गन्ने की कटाई की दर इस साल से 200 रुपये से बढ़ाकर 600 रुपये प्रति टन कर दी जाएगी। हालांकि, उन्होंने कहा कि, वे मौजूदा गन्ना मूल्य 3,000 रुपये से 4,000 रुपये प्रति टन की दर से वृद्धि नहीं कर सकते।
किसान कर रहे थे विरोध प्रदर्शन…
संजीवनी चीनी मिल और गन्ने से संबंधित विभिन्न मांगों को लेकर, किसानों ने मंगलवार से धरबंधोरा में मिल परिसर के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था और सरकार से उनकी मांगों को पूरा करने के लिए लिखित आश्वासन की मांग की थी। किसानों की मांगों में उनके खेतों से जल्द से जल्द गन्ने की कटाई और परिवहन शामिल था, जो बहुत धीमी गति से चल रहा है। अन्य मांगों में, यदि श्रमिकों की कमी के कारण उनकी फसल खेतों में सूख जाती है तो किसानों की क्षतिपूर्ति करनी चाहिए, गन्ने का मूल्य राज्य की मिल दर के अनुसार दिया जाना चाहिए और संजीवनी मिल का 2020 में संचालन शुरू होना चाहिए।
मौजूदा गन्ना मूल्य में नहीं कर सकते है बढ़ोतरी यह न्यूज़ सुनने के लिए प्ले बटन को दबाये.