नई दिल्ली : चीनी मंडी
केंद्र सरकार ने 60 टन चीनी निर्यात के लिए 6,268 करोड़ रुपये के सब्सिडी पैकेज को मंजूरी दे दी है, सरकार का यह कदम मौजूदा चीनी अधिशेष को कम करने में मदद करेगा। बलरामपुर चीनी मिल्स के एमडी विवेक सरावगी ने कहा की, ब्राजील का चीनी मौसम अक्टूबर में समाप्त होता है। यही वह समय है जब हम बाजार में उतर सकते हैं, जो की चीनी बिक्री के लिए एक खुला मैदान है। वैश्विक बाजार को अधिशेष नहीं बल्कि चालू वर्ष में कमी दिखनी चाहिए। हमारे पास पर्याप्त भंडार हैं, वैश्विक बाजार चीनी बेचकर हम अधिशेष की समस्या से छुटकारा पा सकते है।
50 लाख टन तक निर्यात होने की उम्मीद…
उन्होंने कहा की, “मुझे उम्मीद नहीं है कि, मिलों द्वारा पूरे 60 लाख टन चीनी का निर्यात किया जाएगा, क्योंकि पिछले साल 32-33 लाख टन चीनी का ही निर्यात किया गया था। 60 लाख टन की जगह मैं 50 लाख टन चीनी बिक्री की उम्मीद करूंगा। यूपी में हम अभी भी 33 रुपये प्रति किलोग्राम (kg) से ऊपर की चीनी बेच रहे हैं। इस 10.50 रुपये के निर्यात सब्सिडी पर, यदि किसी को 1 या 1.5 रुपये का नुकसान होता है, तो भी वह निर्यात के लिए आगे आयेंगे।”
सरावगी इथेनॉल को लेकर बहुत ही सकारात्मक है। उन्होंने कहा की, “मैं खुद के लिए और साथ ही सरकार की नीति के लिए इथेनॉल पर बहुत सकारात्मक हूं। अब तक, इथेनॉल की कीमत बढ़ाने का हमारा अनुरोध सरकार के पास लंबित है। हमने इथेनॉल की कीमत में 6 प्रतिशत वृद्धि के लिए अनुरोध किया था, जो लागू किया जा सकता है या नहीं भी। हालांकि, मैं बहुत सकारात्मक हूं कि कुछ अच्छा ही होगा”
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