नई दिल्ली : विशेषज्ञों ने चीनी सीजन 2021-22 के दौरान घरेलू उपलब्धता और मूल्य स्थिरता बनाए रखने के उद्देश्य से 100 LMT तक चीनी के निर्यात की अनुमति देने के केंद्र सरकार के कदम की सराहना की है। केंद्र सरकार ने कहा कि, 1 जून 2022 से 31 अक्टूबर 2022 तक या अगले आदेश तक चीनी निदेशालय, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग की विशेष अनुमति से ही चीनी के निर्यात की अनुमति दी जाएगी।
सरकार ने यह फैसला महंगाई रोकने के लिए लिया है। चीनी सीजन 2017-18, 2018-19 और 2019-20 में केवल 6.2 लाख मीट्रिक टन (LMT), 38 LMT और 59.60 LMT चीनी का निर्यात किया गया था। चीनी सीजन 2020-21 में 60 LMT के लक्ष्य के मुकाबले लगभग 70 LMT का निर्यात किया गया है।उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कहा कि, चालू चीनी सीजन 2021-22 में करीब 90 LMT के निर्यात के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए हैं, चीनी मिलों से करीब 82 LMT चीनी निर्यात के लिए भेजी जा चुकी है। 78 LMT का निर्यात किया गया है। चालू चीनी सीजन 2021-22 में चीनी का निर्यात ऐतिहासिक रूप से सबसे अधिक है।
CAIT के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, चीनी का निर्यात एक व्यावहारिक कदम है। सरकार का यह निर्णय मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने और भारत के लोगों को राहत देने का एक प्रयास है। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग मंत्रालय के अनुसार, यह निर्णय सुनिश्चित करेगा कि चीनी सीजन (30 सितंबर 2022) के अंत में चीनी का क्लोजिंग स्टॉक 60-65 LMT बना रहे जो कि घरेलू बाजारों के लिए 2-3 महीने के लिए पर्याप्त है।
हेम सिक्योरिटीज के पीएमएस प्रमुख मोहित निगम ने कहा, घरेलू मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने और अधिक गन्ने को एथेनॉल उत्पादन में लाने के लिए, केंद्र ने इस सीजन में रिकॉर्ड विदेशी बिक्री के बावजूद चीनी निर्यात पर 100 LMT की चीनी निर्यात के मामले में भारत ने छह साल में पहली बार ऐसा फैसला लिया है।
शीर्ष व्यापार निकाय इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अध्यक्ष आदित्य झुनझुनवाला ने कहा कि उद्योग निर्यात को 100 LMT पर सीमित करने के सरकार के कदम का स्वागत करता है।