नई दिल्ली : केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा की, भारत सरकार ने 400 एथेनॉल पंप शुरू करने की अनुमति दी है। इंडियन ऑयल 400 पंप शुरू कर रहा है। मैंने पेट्रोलियम मंत्रालय से एथेनॉल इकाइयों को एथेनॉल पंप शुरू करने के लिए अनुमति देने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा, हम अपने क्षेत्र की चीनी और एथेनॉल फैक्टरियों को भी एथेनॉल पंप शुरू करने की अनुमति देने जा रहे है। आनेवाले दिनों में दोपहिया वाहन, कारें 100 फीसदी एथेनॉल से चलेंगी। इससे प्रदुषण पर अंकुश लगेगा, और आयात पर खर्च होने वाले करोड़ों रूपये भी बच जायेंगे।
महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित अशोक सहकारी चीनी मिल की ओर से आज एथेनॉल परियोजना का मंत्री गडकरी ने ऑनलाइन उद्घाटन किया। इस अवसर पर बोलते हुए मंत्री गडकरी ने कहा कि, देश में हमने बड़े पैमाने पर एथेनॉल का उत्पादन शुरू कर दिया है। हम सी मोलासेस, बी हैवी मोलासेस और गन्ने के रस से एथेनॉल का उत्पादन करते हैं। इतना ही नहीं, अब हम गेहूं, चावल, मक्का आदि से भी एथेनॉल का उत्पादन कर रहे हैं ।इतनाही नही हम असम के नुमालीगढ़ में बांस से एथेनॉल का उत्पादन कर रहे है।
मंत्री गडकरी ने कहा, हर साल हम पेट्रोल-डीजल आयात करने में करीब 16 लाख करोड़ रुपये खर्च करते है। पिछले कुछ सालों में देश में अधिशेष चीनी की समस्या उत्पन्न हो गई थी, इस समस्या से निपटने में एथेनॉल उत्पादन ने बड़ी भूमिका निभाई है। एथेनॉल उत्पादन के चलते मिलें गन्ना किसानों को तुरंत गन्ना मूल्य भुगतान करने में सफल रही है। उन्होंने आगे कहा की, देश में इस समय गन्ने की कीमत तो बढ़ रही है, लेकिन चीनी की कीमत उतनी नहीं बढ़ रही है। फिलहाल चीनी निर्यात पर प्रतिबंध है, और इसलिए चीनी मिलें चलाना काफी मुश्किल गया है।
मंत्री गडकरी ने कहा, इस परियोजना में पेंट वॉश को जलाया जाएगा और इस पेंट वॉश से पोटाश निकलेगा। हम अपने देश में पोटाश का आयात करते हैं। इसलिए, अगर हमारे देश में 60 से 70 पोटाश उत्पादक फैक्ट्रियां बन जाएं तो हमारे देश में किसानों को जो खाद हम देते हैं, उसमें पोटाश आयात करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आने वाले समय में हम देश में बड़ी मात्रा में एथेनॉल का उत्पादन करने जा रहे है। इससे हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। इस अवसर पर पूर्व विधायक भानुदास मुरुकुटे और किसान बड़ी संख्या में मौजूद थे।