कुशीनगर, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में गन्ना उत्पादन बढ़ाने के लिए विभाग कई प्रयास कर रही है और साथ ही किसानों को भी जागरूक कर रही है। इसी क्रम में राज्य के कई क्षेत्र में किसान गोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है।
गन्ना किसान संस्थान पिपराइच की तरफ से लाला छपरा गांव में किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर किसानों से अधिक उपज देने वाले गन्ने की प्रजाति बोने की अपील की गई। जिससे किसानों को अधिक से अधिक मुनाफा हो सके और साथ ही गन्ना उत्पादन भी बढ़ सके।
अमर उजाला में प्रकाशित खबर के मुताबिक, सहायक निदेशक डा. ओमप्रकाश गुप्ता ने कहा कि, पेड़ी गन्ने की लागत बावग गन्ने से 30 प्रतिशत कम होती है। उसका उत्पादन भी अधिक होता है। उन्होंने पेड़ी गन्ने के वैज्ञानिक प्रबंधन, प्रजातियों, कीट-रोग, खरपतवार नियंत्रण, ट्रेंच विधि से गन्ने की बुआई के लाभ, सहफसली खेती आदि के बारे में बताया।
वरिष्ठ गन्ना वैज्ञानिक ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि, गन्ने की अधिक उपज देने वाली प्रजाति को. 14201, को.शा. 9232, 13235 और को.118 आदि हैं। किसान इस प्रजाति की बुआई करें। इससे उपज भी बढ़ेगी और चीनी रिकवरी में भी वृद्धि होगी।
गन्ना विभाग के कई प्रयास के कारण राज्य में गन्ना उत्पादन वृद्धि की कोशिश की जा रही है।