कुशीनगर: किसानों को गन्ने की सर्वाधिक उपज देने वाली प्रजातियों पर फोकस करने की सलाह दी जा रही है ताकि उनके आय में बढोत्तरी हो।
त्रिवेणी चीनी मिल ने क्षेत्र में गन्ने का रकबा बढ़ाने के लिए कोशिशे तेज कर दी है। मिल द्वारा गन्ना पर्यवेक्षकों का प्रशिक्षण हुआ। इसमें गन्ने की उत्पादकता और किसानों की आय बढ़ाने, गन्ना शोध तकनीक को प्रयोगशाला से किसानों खेतों तक पहुंचाने समेत अन्य के बारे में सटीक जानकारी दी गई।
सेवरही गन्ना शोध के वरिष्ठ प्रजनन वैज्ञानिक डॉ. केपी सिंह ने कहा कि, गन्ने की अधिक उपज देने वाली प्रजातियां को शा. 13235,9232 को लख-14201 को 118 को से. 8452, 13452 प्रजातियों की बुवाई करें। जिन खेतों में पानी लगता है ,वहां खेतों में को. शा. 10239, यूपी 05125, 98014 की बुवाई करें। गन्ना संस्थान के सहायक निदेशक ओमप्रकाश गुप्ता ने कहा कि, एक एकड़ खेत में 40 से 42 क्विंटल सुखी पत्ती निकलती है। इसे जलाने के बजाए सड़ाकर जैविक खाद बनाए।
उन्होंने किसानों से सहफसली खेती करने की अपील की।इस अवसर पर डॉ. सत्येंद्र कुमार, चीनी मिल के वरिष्ठ गन्ना प्रबंधक डॉ. संजय त्रिपाठी, उप गन्ना आयुक्त कार्यालय देवरिया से सांख्यिकी अधिकारी विजय कुमार, डॉ. विनय कुमार मिश्र, कारखाना प्रबंधक मानवेंद्र राय, कृषि वैज्ञानिक हरिओम सिंह आदि ने संबोधित किया।