महाराजगंज: मिल बंद होने और भुगतान में देरी से जनपद के किसानों का गन्ना खेती से मोहभंग हो गया है, और किसान गन्ना फसल से दुरी बना रहे है। क्षेत्र के 2000 से ज्यादा किसानों ने गन्ना बोना ही छोड़ दिया है, और दो वर्षों में 543.862 हेक्टेयर रकबा घट गया है। एक तरफ प्रदेश के अन्य जिलों में गन्ने का रकबा बढ़ता दिखाई दे रहा है, वही दूसरी ओर इस जिले में रकबा कम होता जा रहा है।
गन्ना समिति से मिले आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022-23 में क्षेत्र में गन्ने का रकबा 4525.1487 हेक्टेयर था। लेकिन गन्ना मूल्य का भुगतान में देरी व मिल प्रबंधन की दुर्व्यवस्था के कारण वर्ष 2023-24 में गन्ने का रकबा घटकर 3982.625 हेक्टेयर हो गया। 2000 गन्ना किसानों का करीब 1587.21 लाख अभी भी भुगतान बाकी है।
‘अमर उजाला’ में प्रकाशित खबर के अनुसार, भुवनी निवासी बाबूलाल साहनी कहते हैं कि गन्ना मूल्य समय से भुगतान नहीं होने के कारण गन्ने की खेती करना छोड़ दिया। किसान बाबूलाल ने कहा कि, गन्ना इसलिए बो रहा था कि रकम मिलती थी, लेकिन अब तो भुगतान होने में देरी होती है। इस वजह से गन्ने की खेती करना बंद कर दिया। लाखों रुपये कप्तानगंज शुगर मिल पर गन्ना मूल्य का भुगतान बाकी है।