पीलीभीत: देश के 209 किसान यूनियनों के संगठन अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के राष्ट्रीय संयोजक वीएम सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश के किसानों को आगामी पेराई सत्र के लिए अपने गन्ना उत्पादन की कीमत तय करने की अनुमति देने के लिए एक आम सहमति बनी है। इसकी घोषणा 18 अक्टूबर को मुरादाबाद जिले के बिलारी टाउन में होने वाली किसान पंचायत में की जाएगी।
सिंह ने बताया कि यूपी के चीनी उद्योग और गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने विधानसभा को सूचित किया कि राज्य में गन्ना उत्पादन की प्रति क्विंटल औसत लागत वर्तमान में 290 रुपये है जबकि अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने किसानों को पिछले साल की 325 रुपए की तुलना में 435 रुपये की दर से गन्ना बेचने की अनुमति देने का निर्णय लिया है। किसान अपनी उपज की कीमत तय करने के अधिकार के लिए निर्णायक लड़ाई लड़ेंगे जैसा कि विनिर्माण और व्यापार क्षेत्रों द्वारा किया जाता है। सभी निर्माताओं, व्यापारियों और यहां तक कि स्व-नियोजित लोगों को अपने उत्पादों या सेवाओं की कीमत तय करने का अधिकार है, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कृषि उपज का विक्रय मूल्य सरकार या व्यापारियों द्वारा तय किया जाता है।
प्रस्तावित मूल्य को सही ठहराते हुए सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश को किसानों को उनकी उपज पर उत्पादन लागत का डेढ़ गुना मूल्य प्रदान करने का वादा किया है। हमारी कीमत गन्ना मंत्री की लागत गणना पर आधारित है और प्रधान मंत्री द्वारा जारी बिक्री मूल्य के अनुरुप है।
सिंह ने चेताया कि अगर राज्य सरकार ने किसानों की कीमत को खारिज किया, तो गन्ना उत्पादक किसान पूरे राज्य में आंदोलन करेंगे। सिंह के अनुसार बिलारी पंचायत ऐतिहासिक होगी और इसमें राज्य के लाखों किसानों के भाग लेने की उम्मीद है।
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