करनाल: जिले के किसान IOCL के पानीपत में दूसरी पीढ़ी (2जी) एथेनॉल प्लांट को 1 लाख मीट्रिक टन पराली के बंडल उपलब्ध कराएंगे, जिसके लिए IOCL ने पांच यार्ड स्थापित किए हैं, जहां फसल अवशेषों को प्रसंस्करण के बाद रखा जाता है और बाद में स्थानांतरित कर दिया जाता है। इसके बाद अवशेष से एथेनॉल का उत्पादन किया जाता है। कृषि और किसान कल्याण विभाग किसानों को लाभ कमाने के लिए पराली बेचने के लिए प्रोत्साहित करने में IOCL की सहायता कर रहा है।
अधिकारियों का दावा है कि, जिले के किसानों ने अब तक 60 हजार मीट्रिक टन पराली के बंडल उपलब्ध कराए है। हमें इस सीजन में IOCL को 1 लाख मीट्रिक टन पराली उपलब्ध कराने का लक्ष्य दिया गया है। उप निदेशक कृषि (डीडीए) डॉ वज़ीर सिंह ने कहा, हमने अब तक 60,000 मीट्रिक टन दिया है और शेष 40,000 मीट्रिक टन 15 नवंबर तक प्रदान किया जाएगा।
भाम्बरेहड़ी, जमालपुर, अगोंध, अमुपुर और बंदराला गांवों में पांच केंद्र स्थापित किए गए है। डीडीए डॉ वज़ीर सिंह ने कहा कि, IOCL किसानों के खातों में राशि हस्तांतरित करता है। विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, करीब 4.25 लाख एकड़ में धान की खेती होती है। एक सीजन में लगभग 8 लाख मीट्रिक टन अवशेष उत्पन्न होता है, जिसमें से लगभग 3 लाख मीट्रिक टन बासमती धान से और 5 लाख मीट्रिक टन परमल किस्मों से उत्पन्न होता है।
लगभग 3 लाख मीट्रिक टन बासमती धान के अवशेष का उपयोग चारे के रूप में किया जाता है, जबकि 1 लाख मीट्रिक टन IOCL को और 1 लाख मीट्रिक टन विभिन्न औद्योगिक इकाइयों को उपलब्ध कराया जा रहा है।