मैसूर: राज्य गन्ना उत्पादक संघ (State Sugarcane Growers’ Association) ने कहा कि, गन्ने के लिए केंद्र सरकार द्वारा घोषित एफआरपी में की गई बढ़ोतरी काफी कम है और किसानों के हित में एफआरपी में बढ़ोतरी होनी चाहिए। एसोसिएशन के अध्यक्ष कुरुबुर शांता कुमार के नेतृत्व में किसानों ने गन हाउस सर्कल से कम एफआरपी के विरोध में बाइक और ट्रैक्टर रैली निकाली और बाद में एफआरपी में तत्काल संशोधन की मांग करते हुए उपायुक्त कार्यालय में प्रदर्शन किया। उन्होंने दावा किया की, गन्ने की उत्पादन लागत घोषित एफआरपी से अधिक है। किसान कर्ज में फंस रहे हैं क्योंकि उन्हें उनकी उपज का उचित और उचित मूल्य नहीं मिल रहा है।
शांता कुमार ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा की, जब डीजल, रसोई गैस और उर्वरक की कीमतें साल में कई बार बढ़ाई जाती हैं, तो एफआरपी क्यों नहीं हो सकती। उन्होंने कहा की, सरकार द्वारा गन्ना किसानों के साथ अन्याय किया जा रहा है क्योंकि उन्हें उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है और साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि चीनी मिलें गन्ना भुगतान कानूनों का पालन नहीं कर रही हैं। किसानों से एकजुट होने और अन्याय के खिलाफ लड़ने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि एफआरपी 3,200 रुपये प्रति टन तय की जानी चाहिए क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा घोषित 50 रुपये की बढ़ोतरी अस्वीकार्य है। किसानों की मांग है कि एफआरपी के साथ-साथ फैक्ट्रियों से होने वाले लाभ को किसानों के साथ साझा किया जाए।