किसानों का बसंतकालीन गन्ना बुआई में सह फसली पर जोर

पीलीभीत : गन्ना खेती की बढ़ी लगत को कम करने और आय में बढ़ोतरी के लिए किसान बसंतकालीन गन्ना बुआई में सह फसली पर काफी जोर दे रहे है।चीनी मिलें और गन्ना विभाग द्वारा सह फसली के लिए किसानों को मार्गदर्शन किया जा रहा है। गांव बंजरिया में हुई बीज बदलाव गोष्ठी में गन्ना किसानों से अगेती प्रजाति का गन्ना बोने और वसंतकालीन गन्ना बुआई में सह फसली की जानकारी दी गई।

जिला गन्ना अधिकारी खुशीराम भार्गव ने कहा कि, किसान अगेती प्रजाति का गन्ना बोएं। बुआई से पहले बीज का शोधन अवश्य कराए। ट्रेंच विधि से चार फुट की दूरी पर एक या दो आंख के टुकड़े की बुआई करें। इससे किसानों का गन्ना उत्पादन बढ़ने की सभावना बढ़ जाती है।चीनी मिल के जीएम दीप्ति देव यादव ने अस्वीकृत प्रजाति न बोने की अपील की।उन्होंने कहा, अस्वीकृत प्रजाति की बुआई से कीट और बीमारियों के प्रकोप के चलते उत्पादन में गिरावट आने की संभावना जादा होती है।

उन्होंने बताया की, चीनी मिल अस्वीकृत प्रजाति का गन्ना नहीं खरीदेगी। ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक संजय श्रीवास्तव ने वसंतकालीन गन्ना की बुआई के साथ सह फसली के रूप में उर्द, मूंग की बुआई करने की जानकारी दी। चीनी मिल के सीसीओ अजय यादव ने कहा कि, गांव बंजरिया के 139 गन्ना किसानों के सट्टा संचालित है।गोष्ठी में श्रीनिवास मिश्रा, धर्मेंद्र अवस्थी, रामपाल गौतम, कमलेश कुमार, रामसेवक, लालता प्रसाद, सुखविंदर सिंह, ज्ञानेंद्र आदि थे।

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