नैरोबी: आर्थिक संकटों से परेशान सोनी शुगर कंपनी को लीज पर देने का किसानों ने कड़ा विरोध किया है, किसानों ने सरकार पर मिल को लीज पर देने से पहले अपना बकाया भुगतान करने का दबाव बनाया है। मिल पर Sh560 मिलियन से जादा देनदारियां बकाया है। सोनी चीनी मिल, उन पांच सरकारी मिलों में से एक है जो सरकार द्वारा लीज पर देने के प्रक्रीया में शामिल हैं। अन्य मिलों में चेमेलिल, मिवानी, मुहरोनी और नाज़िया चीनी मिल शामिल है। केन्या यूनियन ऑफ गन्ना प्लांटेशन एंड एलाइड वर्कर्स ने पिछले हफ्ते अदालत में जाकर श्रमिकों के Sh5 बिलियन बकाया वेतन के चलते लीज प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की।
इस कदम के बाद, ऑरेंज डेमोक्रेटिक मूवमेंट (ODM) के नेता रैला ओडिंगा ने कर्मचारियों को रोजगार और श्रम संबंध न्यायालय से मामले को वापस लेने का आग्रह किया, ताकि लीजिंग प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके। ओडिंगा ने श्रमिकों के न्यायालय में मामला ले जाने के कदम को गलत बताया। उन्होंने कहा , अगर लीज प्रक्रिया ठप होने से हजारों लोग, जो गन्ने की खेती पर निर्भर हैं, उन्हें इससे खामियाजा उठाना पड़ सकता है। सोनी शुगर मामले में, केन्या नेशनल फेडरेशन ऑफ गन्ना किसान महासचिव एज्रा ओलोदी और एवेंडो शाखा के सचिव आर्गविंग्स ओडोंगो ने कहा कि, हम इस मिल को लीज पर देने के खिलाफ नहीं हैं। हालांकि, किसानों के बकाये की भरपाई के बिना इसे लीज पर देना बिलकुल अनुचित है। लीजिंग हमें कानूनी शिकंजे के अधीन कर देगा। प्रबंध निदेशक पीटर लिगावा ने कहा कि, कंपनी केवल तभी भुगतान कर सकती है जब वह परिचालन शुरू करे। कंपनी मई में रखरखाव के लिए बंद हो गई और अगस्त के दौरान फिर से खुलने की उम्मीद है।किसानों के अलावा, हमारे श्रमिक भी हमारे उत्पादन और वित्तीय प्रदर्शन में गिरावट के बाद से Sh1 बिलियन तक बकाया वेतन का दावा कर रहे हैं।लिगावा ने बताया कि, हम परिचालन शुरू करने के बाद मुद्दों को सुलझा लेंगे।
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