पीलीभीत: अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने (AIKSCC) उत्तर प्रदेश सरकार को गन्ने बकाया मुद्दे पर ‘झूठे वादे’ करने के लिए दोषी ठहराया है। AIKSCC ने आरोप लगाया की, राज्य सरकार ने यूपी के 47 लाख से अधिक गन्ना किसानों के हितों की रक्षा का वादा किया था, लेकिन सरकार ने वादाखिलाफी की है। AIKSCC के राष्ट्रीय संयोजक वीएम सिंह ने किसानों को न्याय देने के सरकार के दावों पर सवाल उठाये है। उन्होंने कहा कि, वर्तमान में राज्य की 119 चीनी मिलों के पास लगभग 14,000 करोड़ रुपये से अधिक अबतक का उच्चतम बकाया हैं।
हालांकि, राज्य के गन्ना विभाग के अधिकारियों ने इस वर्ष मिलों द्वारा गन्ने की अत्यधिक पेराई और कोरोना वायरस महामारी के कारण बाजार में चीनी की मांग में अप्रत्याशित गिरावट के परिणाम को जिम्मेदार ठहराया है। सरकार ने हालही में पिछले तीन वर्षों में किसानों को 1 करोड़ रुपये गन्ना भुगतान का दावा किया था।
आपको बता दे, राज्य सरकार का कहना है की वे गन्ना बकाया भुगतान को लेकर काफी गंभीर है, जिसके कारण राज्य के कई मिलों द्वारा भुगतान भी किया जा रहा है।
सरकार के मुताबिक प्रदेश के मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में वर्तमान सरकार के गठन के उपरान्त मंत्री चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास सुरेश राणा के दिशा-निर्देशों में प्रदेष के गन्ना किसानों के भुगतान को प्राथमिकता पर रखते हुये 2017-2020 के मध्य अब तक गन्ना किसानों को रू.1,00,000 करोड़ से अधिक का भुगतान कराया गया है।
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