पुणे : एफआरपी (उचित और पारिश्रमिक मूल्य) तीन किस्तों में देने की सिफारिश नीती आयोग केंद्र सरकार से की है। इस मुद्दे पर केंद्र ने राज्य सरकारों से सुझाव मांगे हैं। स्वाभिमानी शेतकरी संघठन के अध्यक्ष और पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने कहा की, राज्य सरकार ने इस मुद्दे के अध्ययन के लिए एक पैनल का गठन किया है। हालांकि, दुर्भाग्य की बात यह है की, इस समिति पर कोई किसान प्रतिनिधि नहीं है। शेट्टी ने चेतावनी दी कि, यदि महाराष्ट्र सरकार नीती आयोग द्वारा की गई सिफारिशों के पक्ष में सुझाव प्रस्तुत करती है तो उनका संगठन सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होगा।
इस महीने की शुरुआत में, महाराष्ट्र के चीनी मिलरों ने गन्ने की खरीद के खिलाफ भुगतान के लिए गुजरात मॉडल को अपनाने और चीनी सीजन के दौरान तीन चरणों में भुगतान का अभ्यास शुरू करने की वकालत की थी।
फाइनेंसियल एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के मुताबिक, नवीनतम बकाया रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में अभी भी 2,073.05 करोड़ रुपये एफआरपी बकाया है। इस सीजन में मिलों ने अब तक 19,286.65 करोड़ रुपये का भुगतान किया है, जो कुल एफआरपी भुगतान का 90.29% है। किसानों को देय कुल एफआरपी 21,359.69 करोड़ रुपये है। चीनी आयुक्त ने एफआरपी भुगतान में विफलता के लिए 19 मिलों के खिलाफ कार्रवाई की है।