नई दिल्ली: रूस- यूक्रेन संघर्ष के साइड इफेक्ट अब दुनिया के कई देशों में देखने को मिल रहे है, और इसकी शुरुआत दुनियाभर के किसानों से हुई है। रूस- यूक्रेन युद्ध के कारण किसानों का उर्वरकों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। भारत से लेकर ब्राजील तक और दक्षिण अफ्रीका से लेकर केन्या तक हजारों मील की दूरी पर रहने वाले किसानों को एक ही चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, और वह है उर्वरक (Fertilizer) की कमी।
रायटर्स में प्रकाशित खबर के मुताबिक, रूस और यूक्रेन के बीच का संघर्ष अपने दूसरे महीने में प्रवेश करते ही इसका प्रभाव दुनिया भर के किसानों द्वारा महसूस किया जा रहा है। रूस और बेलारूस से प्रमुख मृदा पोषक तत्वों की अंतरराष्ट्रीय कीमत पिछले महीने रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है। रूस, उर्वरकों के दुनिया के सबसे बड़े उत्पादकों और निर्यातकों में से एक है। रूस और बेलारूस ने संयुक्त रूप से पिछले साल पोटाश के वैश्विक निर्यात में 40 प्रतिशत से अधिक का योगदान दिया है। रूस पर पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों ने कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की कीमतों में वृद्धि की है, वैश्विक माल ढुलाई को बाधित किया है और विकासशील देशों में किसानों के लिए उर्वरकों की आपूर्ति और लागत को प्रभावित किया है।