जालंधर: चाहे वो उत्तर प्रदेश हो या फिर पंजाब, देश के कई राज्यों में गन्ना बकाया मुद्दा अहम् बना हुआ है। किसान मजदूर संघर्ष समिति के किसानों ने चीनी मिलों द्वारा बकाया भुगतान 30 नवंबर तक नहीं होने पर 1 दिसंबर को बुत्तार चीनी मिल के सामने धरना देने का एलान किया है। इस मिल में किसानों के गत एक साल से पैसे फंसे हैं। मिल प्रबंधन इस मामले पर मौन है। जालंधर के रेहोरन गांव में किसानों के विभिन्न मुद्दों को लेकर एक बैठक हुई। बैठक में किसानों द्वारा पराली (ठूंठ) जलाने के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की निंदा की गई और साथ ही / द्वारा किसानों को परेशान करने पर रोक लगाने की मांग की गई।
गन्ना बकाया भुगतान नहीं होने से गन्ना किसानों की परेशानी बढ़ गई है। गन्ना किसानों को स्थानीय मिलों में गन्ना देने से रोक दिया गया है। इस प्रतिबंध का विरोध करने के लिए किसान 1 दिसंबर को बुत्तार चीनी मिल के सामने धरना देंगे। उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो वे 3 दिसंबर को रेलवे पटरियों पर राज्यव्यापी चक्का जाम करेंगे।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि अगर निजी और सरकारी मिलों ने 1 दिसंबर तक हमारे बकाए को नहीं चुकाया तो हमारा विरोध आंदोलन का रुप लेगा। हमारी मांग है कि सरकार और चीनी मिलें हमारे लंबित गन्ने के बकाये का भुगतान तुरंत करें और किसानों द्वारा चीनी मिलों को दिये जाने वाले गन्ने पर लगी रोक को तुरंत हटाए। उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों की आजीविका लूटी जा रही है।
पन्नू ने कहा कि हाल ही में ठूंठ जलाने के मामले में किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गया है। इस मामले को रद्द किया जाए। इसके अलावा ऐसे किसान जिनके पास 5 एकड़ जमीन है और केवल वहीं किसान जिन्होंने बासमती चावल नहीं बोए हैं, वे ही मुआवजे के पात्र होंगे, यह उचित नहीं है। वास्तव में मुआवजा सबको मिलना चाहिए।
संघ के जिला अध्यक्ष सलविंदर सिंह ने कहा कि किसानों को आढ़तिया परेशान कर रहे हैं। कई मामलों में तो किसानों के चेक क्लियर नहीं किये जा रहे हैं और उनके पेपरवर्क भी रोके जा रहे हैं। किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा किसानों के लिए तैयार की गई नीतियों की निंदा की और कहा कि इस संकट को सरकार तुरंत दूर करे।
किसान करेंगे 1 दिसंबर को विरोध प्रदर्शन यह न्यूज़ सुनने के लिए प्ले बटन को दबाये.