कुशीनगर: लगातार एक ही गन्ने के प्रजाति के बोआई करने से उत्पादन कम होने के साथ साथ रोग का प्रकोप बढने का खतरा होता है। इसलिए किसानों को गन्ने की एक प्रजाति पर निर्भर न रहने की सलाह दी गयी।
गन्ना किसान संस्थान प्रशिक्षण केंद्र पिपराइच के सहायक निदेशक ओमप्रकाश गुप्ता ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के 26 जिलों में गन्ने का सर्वाधिक औसत उत्पादन कुशीनगर जनपद में होता है, लेकिन किसान गन्ने की एक प्रजाति पर कभी भी निर्भर न रहें।
उन्होंने मिडीयाकर्मीयों से बातचीत में कहा कि, सर्वाधिक 96 फीसद शीघ्र पकने वाली गन्ने की अगेती फसल को. 238 है, जिसमें काना रोग का प्रकोप बढ़ गया है। इस रोग के लिए अब तक कोई दवा उपलब्ध नहीं है। लो-लैंड में किसान कोशा 4279, 10239, को. 98014, कोपी 9301 की बोआई करें।
आपको बता दे, गन्ना फसल को रोग से बचाने और उत्पादन बढ़ाने के लिए गन्ना विभाग मुहीम चला के समय समय पर किसानों को जानकारी मुहैया कराते रहते है।
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