संभल, उत्तर प्रदेश: पिछले कुछ सालों से गन्ने की फसल ने किसानों की किस्मत बदल दी है। किसानों की आय में भी बढ़ोतरी हुई है, बावजूद इसके किसान गन्ना फसल से दुरी बना रहे है। फसल में लगनेवाली कीट से किसान परेशान हो गए है, और यही कारण है की किसान अब गन्ने की जगह अन्य फसलों का रुख़ कर रहे है। संभल जिले में इसका उदारहण देखा जा सकता है।
लाइव हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के अनुसार, जनपद में चीनी मिलें किसानों को समय पर गन्ना का भुगतान कर रही हैं। इतनाही नही किसानों को अनुदान पर कृषि रक्षा उपकरण, खाद, बीज व दवाएं भी मुहैया कराई जा रही हैं, लेकिन फिर भी जिले में एक साल में गन्ने का 3115 हेक्टेयर रकबा कम हो गया है। विशेषज्ञ फसल में बढ़ती बीमारियों को इसका मुख्य कारण मान रहे हैं।
संभल जिले में लगभग एक लाख किसान गन्ने की खेती से जुड़े हैं। जिले की तीनों मिलों में से डीएसएम चीनी मिल असमोली ने शत-प्रतिशत भुगतान कर दिया। मिलों द्वारा शत प्रतिशत भुगतान के बावजूद किसान गन्ना फसल से किनारा कर रहे है ।