कुरुक्षेत्र :शाहबाद सहकारी चीनी मिल से जुड़े हजारों गन्ना उत्पादकों को अपनी उपज बेचने के लिए कठिन समय का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि मिल प्रशासन ने एक मई को मिल कर्मचारी को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद पेराई कार्य बंद कर दिया है। जिसके बाद दो चीनी मिलों में गन्ना पेराई करवाने की बात कही गई। खबरों के मुताबिक, शाहबाद मिल को अभी तक 6 लाख क्विंटल या लगभग 2,000 एकड़ गन्ने की पेराई करना बाकी था।
हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित खबर के मुताबिक, राज्य सरकार के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि, गन्ने की कटाई अंतिम चरण में थी। इससे पहले, शाहबाद चीनी मिल के प्रबंधन ने यमुनानगर सहित एक और चीनी मिल के साथ शेष उपज की खरीद के लिए एक समझौता किया था।
प्रकाशित खबर में कहा गया है की, यमुनानगर की सरस्वती मिल, शाहबाद मिल से जुड़े किसानों के 3 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई करने को तैयार हो गई है, लेकिन बाद में दूसरी मिल के प्रबंधन ने पेराई करने से इनकार कर दिया। अब, शेष उपज को कैथल में सहकारी चीनी मिल को आवंटित किया गया है।
किसान अब चिंतित है क्योंकि इससे किसानों की परिवहन लागत में वृद्धि होगी और सरकार द्वारा किसी भी वित्तीय सहायता की घोषणा अब तक नही की गई है। किसानों को यमुनानगर में अपनी उपज को बेचने के लिए 85 किमी अतिरिक्त यात्रा करनी होगी।
शाहबाद सहकारी चीनी मिल के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कहा, हमने पास की मिलों के साथ शेष 6 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की व्यवस्था की है। लेकिन, अभी तक, किसानों को अन्य मिलों को अपनी उपज बेचने के लिए क्षतिपूर्ति करने के लिए चर्चा नहीं हुई है।
आपको बता दे, शाहबाद मिल पूरी कोशिश कर रही है की किसानों के बचे हुए गन्ने का अच्छे से दूसरे मिलों में पेराई हो जाए और इस दौरान किसानों को किसी भी प्रकार की दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
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