एफसीआई को इस साल 342 लाख टन गेहूं की खरीद की उम्मीद…

नई दिल्ली : गेहूं के उच्च उत्पादन अनुमान के बीच, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि, कीमतों को स्थिर रखने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र को मिलकर काम करने की जरूरत है। एफसीआई के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अशोक कुमार मीणा ने कहा कि, उम्मीद से बेहतर गेहूं उत्पादन के मद्देनजर एफसीआई ने अब तक 7 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की है और की जा रही है। इस साल 342 लाख टन गेहूं की खरीद के लिए तैयार है।

मीना ने कहा, सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर काम करना चाहिए ताकि वैश्विक प्रतिकूलताओं के बावजूद गेहूं और आटे की कीमतें स्थिर रहें। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के अतिरिक्त सचिव सुबोध कुमार सिंह ने कहा कि, मार्च-अप्रैल में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के प्रभाव के बावजूद मंत्रालय और निजी क्षेत्र दोनों के अनुमानों ने इस साल गेहूं के उच्च उत्पादन का संकेत दिया है। दो वरिष्ठ अधिकारी रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की पहली असाधारण आम बैठक और निदेशक मंडल की बैठक को संबोधित कर रहे थे, जहां ‘गेहूं फसल और फसल वर्ष 2022-23 के लिए उत्पादन अनुमान’ पर एक सर्वेक्षण रिपोर्ट भी जारी की गई थी।

फेडरेशन की ओर से एग्री वॉच द्वारा तैयार सर्वेक्षण रिपोर्ट में मार्च 2023 के अंत तक गेहूं उत्पादक राज्यों द्वारा बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण 102.89 लाख मीट्रिक टन गेहूं उत्पादन की भविष्यवाणी की गई है, जो 104.24 लाख टन से कम है। यह अनुमान नौ राज्यों (80 जिलों) – बिहार, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में दो चरणों में किए गए सर्वेक्षण पर आधारित हैं।इस अवसर पर बोलते हुए रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष प्रमोद कुमार एस ने सरकार से उच्च अनुमान और पर्याप्त बफर स्टॉक के कारण गेहूं उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने का अनुरोध किया।

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