नई दिल्ली : एफसीआई द्वारा कुछ दिन पहले एथेनॉल इकाइयों चावल नहीं देने का फैसला किया है, इससे कई इकाइयों ने स्टॉक एक्सचेंज को सूचित किया कि, कुछ दिनों के लिए एथेनॉल उत्पादन बाधित रहने की संभावना है। भारतीय खाद्य निगम (FCI) द्वारा एथेनॉल उत्पादन के लिए अचानक चावल की आपूर्ति बंद करने के बाद, डिस्टिलरीज विकल्पों पर विचार कर रही है। आपको बता दे की, एफसीआई ने 10 जुलाई 2023 तक एथेनॉल उत्पादन के लिए 13.05 लाख टन चावल बेचा है।
केंद्र सरकार ने कहा कि, एफसीआई ने नवंबर में समाप्त होने वाले चालू विपणन वर्ष में 10 जुलाई 2023 तक एथेनॉल उत्पादन के लिए 13.05 लाख टन चावल बेचा है और 2,610 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है। खाद्य और उपभोक्ता मामलों की राज्य मंत्री साधवी निरंजन ज्योति ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा, एथेनॉल के लिए एफसीआई द्वारा चावल के अधिशेष स्टॉक की आपूर्ति वर्ष 2020-21 में शुरू की गई थी।
केंद्र सरकार ने पिछले कुछ सालों से एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा दिया है, और इसका यह परिणाम हुआ है की अब देश की तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी) 10 प्रतिशत तक एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल बेचती है। एथेनॉल का उत्पादन मुख्य रूप से चीनी मिलों द्वारा गन्ने की फसल से किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य 2030 से बढ़ाकर 2025-26 कर दिया है।