नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस से निपटने के लिए लॉकडाउन और कई प्रतिबंध लागू किये गये है। कोरोना वायरस मामलों में कमी आने के बीच फिक्की ने आर्थिक गतिविधियों में चरणबद्ध तरीके से ढील देने और साथ ही निगरानी बनाये रखने का सुझाव दिया है। फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने बुधवार को केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा और अनुमेय आर्थिक गतिविधि के लिए एक वर्गीकृत दृष्टिकोण का सुझाव दिया जो ‘जीवन और आजीविका’ को संतुलित रखने में मदद कर सकती है।
फिक्की ने पत्र में कहा है की, पहली और दूसरी लहर से सीख लेते हुए हमारा सुझाव है कि आर्थिक गतिविधियों को अनुमति देने के लिये चरणबद्ध रुख अपनाया जाए। अगर कोरोना वायरस मामले तेजी से कम भी होते हैं, तो भी निगरानी के तौर पर परीक्षण जारी रहना चाहिए। साथ ही हवाईअड्डा, रेलवे स्टेशन जैसे स्थानों पर औचक परीक्षण होते रहना चाहिए।
दूसरे स्तर के लिए सुझाव देते हुए, फिक्की ने कहा कि कुछ श्रेणियों की इकाइयों जैसे कि आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन करने वाली, निर्यात-उन्मुख इकाइयाँ, निरंतर प्रक्रिया उद्योग और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी इकाइयों को हर समय काम करने की अनुमति है, उनके कार्यबल के लिए एक ‘आइसोलेशन बबल’ बनाएं जो वायरस के फैलने के जोखिम को कम करता है। फिक्की ने कहा, “इसी तरह, कोई भी इकाई जो एक आइसोलेशन बबल बनाने में सक्षम है, उसे हर समय काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए, भले ही वह एक आवश्यक, निरंतर प्रक्रिया के रूप में योग्य न हो।
जिन इकाइयों ने कम से कम 60 प्रतिशत कार्यबल का एक खुराक के साथ टीकाकरण किया है, उन्हें COVID प्रतिबंध से छूट दी जाए। फिक्की ने कहा, ‘चौथे स्तर पर संपर्क से जुड़े गैर-जरूरी क्षेत्रों जैसे छुट्टियां बिताने से संबंधित गतिविधियों, खुदरा आदि क्षेत्रों में अनुमति तभी मिले जब संक्रमण की दर 2.5 प्रतिशत से नीचे हो। जब तक देश की ज्यादातर आबादी कम-से-कम टीके की एक खुराक न ले ले, पाबंदियां जारी रहनी चाहिए।