सरकार में व्यय, विशेषकर पूंजीगत खर्च की स्थिति का आकलन करने के उद्देश्य से केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज नई दिल्ली में उन चुनिंदा मंत्रालयों के पूंजीगत खर्च (कैपेक्स) की स्थिति की समीक्षा की, जिनका परिव्यय भारी-भरकम है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय सहित कुछ मंत्रालयों को बजट से अनुदान सहायता प्राप्त होती है, लेकिन खर्च का बड़ा हिस्सा आईआईटी और एम्स जैसी पूंजीगत परिसम्पत्तियों के सृजन में लग जाता है। इस बैठक में सभी प्रमुख मंत्रालयों के सचिवों और वित्तीय सलाहकारों ने हिस्सा लिया।
आर्थिक विकास की गति तेज करने की चुनौती से निपटने के लिए सरकार हितधारकों के साथ व्यापक चर्चाएं करती रही है। यही नहीं, सरकार ने आर्थिक विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए अनेक कदम उठाये हैं। पूंजीगत खर्च की स्थिति की समीक्षा करने के साथ-साथ ठेकेदारों, गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जेम) से जुड़े बकायों और एमएसएमई के बकायों की अदायगी सुनिश्चित करने के लिए व्यय सचिव के साथ कई बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं। आज की बैठक भी इसी श्रृंखला का एक हिस्सा है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सभी मंत्रालयों को पूँजीगत व्यय बढ़ाने तथा छोटे उद्योगों का बकाया भुगतान जल्द चुकाने का निदेर्श दिया।
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