केन्द्रीय वित्त और कारपोरेट मामलो की मंत्री निर्मला सीतारामन ने सोमवार को नयी दिल्ली में बैकों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियो के साथ बैठक कर सार्वजनिक क्षेत्र के बैकों के कामकाज की समीक्षा की। बैठक में कर्ज दिए जाने तथा आर्थिक विकास को गति देने के लिए सरकार की ओर से किए गए उपायों की भी गहन समीक्षा की गई।
बैठक में इस बात का संज्ञान लिया गया कि एक से 9 अक्टूबर के बीच कस्टमर आउटरीच कार्यक्रम के तहत पहले चरण में पंजाब नेशनल बैंक ने 81781 करोड़ रूपए के नए रिण प्रदान किए जिसमें 34342 करोड़ रूपए के नए सावधि रिण भी शामिल हैं। बैंको ने 21 अक्टूबर से 25 अक्टूबर के दौरान दूसरे चरण के आउटरीच कार्यक्रम के तहत रिण देने के लिए 150 जिलों में शिविर लगाने की अपनी योजना की जानकारी भी दी।
चूंकि रिण उपलबधता कार्यक्रम में गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों भी भाग लेंगी इसलिए सूक्ष्म ,लघु और मझौले उद्यमों पर भी विशेष ध्यान रखा जाएगा। ऐसे उद्यमों के करीब 40 हजार करोड़ रूपए के बकाया रिण भुगतान के लिए कारपोरेट मामलों का मंत्रालय बैकों को बराबर की मदद करेगा। छोटे उद्यमों को कार्यशील पूंजी की दिक्कत नहीं आए इसका भी पूरा ध्यान रखा जाएगा।
बैठक में इसके अतिरिक्ति आवास रिण,वाहन रिण,कृषि रिण,शिक्षा रिण और व्यक्ततिगत रिणों के बारे में भी चर्चा की गई। यह कहा गया कि बैकों में हाल में डाली गई 55 हजार करोड़ रूपए की पूंजी से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक रिण जरूरतों को पूरा करने में पूरी तरह सक्षम हैं।
बैठक में इस बात का भी संज्ञान लिया गया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक गैर बैकिंग वित्तीय कंपनियों और आवास रिण उपलब्ध करान वाले एचएफसी को लगातार वित्तीय मदद दे रहे हैं। सितंबर 2018 से लेकर 10 अक्टूबर 2019 तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कुल आर्थिक मदद के रूप में अबतक 397557 करोड़ रूपए तथा पूल बाइआउट्स के तहत के तहत 107792 करोड़ रूपए के कर्ज जारी कर चुके हैं। बैकों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने जानकारी दी कि वे आशिंक रिण योजना तथा उसके तहत जारी पूल बाइआट्स के तहत रिण देना जारी रखेंगे।
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