लखनऊ: किसानों के बढ़ते बकाये पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के तीन दिन बाद उत्तर प्रदेश सरकार के गन्ना विकास विभाग ने शुक्रवार को कहा कि गन्ना किसानों के भुगतान में देरी और विसंगतियों के कारण नौ डिफाल्टर चीनी मिलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा 31 अगस्त तक गन्ने के बकाये को भुगतान करने के निर्देशों के साथ साथ सरकार अगले एक महीने में शुरु होने वाले गन्ने के नये पेराई सत्र के दौरान लंबित बकाये का भी भुगतान करने पर जोर दे रही है।
गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी ने कहा कि सरकार ने नौ चीनी मिलों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई की है और किसानों की देय राशि के भुगतान में अनियमितता के मद्देनजर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और 120 (बी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
उन्होंने कहा कि पिछले चार दिनों में किसानों को तकरीबन 450 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है और डीएससीएल, डालमिया, द्वारिकेश, बिस्वा, पीपरसेंडी, पीलीभीत, दौराला और टिकौला के मिलरों ने तो 100 प्रतिशत बकाये का भुगतान कर दिया है।
भूसरेड्डी ने कहा कि राज्य ने पिछले ढाई साल में गन्ना किसानों को 73,000 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया है।
गन्ना किसानों के बकाये के भुगतान में देरी को गंभीरता से लेते हुए उच्च न्यायालय ने 18 सितंबर को उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश जारी किया था की बकाया राशि को 15 प्रतिशत ब्याज सहित एक महीने के भीतर कानूनन बिना किसी अड़चन के भुगतान सुनिश्चित करें।
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