एनएसआई में देश का पहला चीनी और जैव-ईंधन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस शुरू होगा

कानपूर : देश में चीनी और जैव इंधन का पहला सेंटर ऑफ एक्सीलेंस कानपुर में राष्ट्रीय शर्करा संस्थान में खुलेगा। चीनी और जैव इंधन के अलग अलग प्रस्ताव मंजूरी के लिए भेजे गये है। मंजूरी मिलने के तुरंत बाद काम शुरू हो जायेगा। इस सेंटर में संस्थान के वैज्ञानिक, शोधार्थी व चीनी उद्योग के विशेषज्ञों के अलावा स्टार्टअप रिसर्च करेंगे। सेंटर में चीनी की खामियों को दूर कर उसकी गुणवत्ता बढ़ाने को रिसर्च होगी।

लाइव हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के अनुसार, इस सेंटर को खोलने के लिए संस्थान की ओर से 14 करोड़ का प्रस्ताव मंत्रालय को भेजा गया है। प्रारंभिक सहमति के बाद अंतिम मुहर लगते हुए सेंटर कार्य करने लगेगा। राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एनएसआई) के निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन की देखरेख में वैज्ञानिक व शोधार्थी रिसर्च चीनी मिल, चीनी उद्योग व फोर्टिफाइड शुगर को लेकर लगातार रिसर्च कर रहे हैं।

इस सेंटर में चीनी को हेल्दी बनाने पर शोध होगा, जिससे इसका उपयोग डायबिटीज जैसे मरीज भी आसानी से कर सकें। चीनी शोधार्थियों की टीम लोगों से सर्वे कर एक रिपोर्ट तैयार करेगी। जिसमें लोगों को कैसी चीनी चाहिए और उसकी कीमत कितनी होनी चाहिए। इस सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर टीम सेंटर में रिसर्च करेगी। जिससे लोगों को जरूरतों के मुताबिक चीनी बाजार में मिल सके। संस्थान में जैव ईंधन का भी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया जाएगा। संस्थान की ओर से 24 करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया है। प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लगतेही रिसर्च शुरू हो जाएगी। वैसे संस्थान के कई शोधार्थी व वैज्ञानिक जैव-ईंधन को लेकर रिसर्च कर रहे हैं। वहीं, संस्थान में प्रेसमड से ग्रीन हाइड्रोजन बनाने का पायलट प्लांट भी लगा है। राष्ट्रीय शर्करा संस्थान निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन ने कहा कि, संस्थान में देश का पहला सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया जाएगा, जिसमें पौष्टिक चीनी पर रिसर्च होगी।

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