बेंगलुरु : राज्य के स्वामित्व वाली तेल कंपनी ओएनजीसी ने बंगाल की खाड़ी में कृष्णा गोदावरी डीप-वॉटर ब्लॉक 98/2 से “पहला तेल” उत्पादन शुरू किया है, जो देश में नई कच्चे तेल की खोज का प्रतीक है। जिस स्थान से तेल निकाला जा रहा है वह कृष्णा गोदावरी बेसिन में काकीनाडा के तट से 30 किलोमीटर दूर है।केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा, मुझे अपने सभी देशवासियों को यह बताते हुए खुशी हो रही है कि (ओएनजीसी द्वारा) पहला तेल निकाला गया। 2016-2017 में इस पर काम शुरू हो गया था, और कोविड के कारण कुछ देरी हुई।
उन्होंने कहा कि, 26 में से चार कुएं पहले से ही चालू हैं और मई या जून तक उत्पादन 45,000 बैरल प्रति दिन तक पहुंचने की उम्मीद है, जो हमारे कुल कच्चे तेल उत्पादन का 7 प्रतिशत होगा। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि वहां मौजूद 26 कुओं में से चार कुएँ पहले से ही चालू हैं। हमारे पास न केवल थोड़े समय में गैस होगी, बल्कि मई या जून तक हम प्रति दिन 45,000 बैरल उत्पादन करने में सक्षम होने की उम्मीद करेंगे, जो हमारे कुल कच्चे तेल उत्पादन का 7 प्रतिशत और हमारी गैस का 7 प्रतिशत होगा।
चरण 3, जिससे बेसिन से अधिकतम तेल और गैस उत्पादन होता है, पहले से ही चल रहा है और जून 2024 में समाप्त होने की संभावना है। 98/2 परियोजना से ओएनजीसी के कुल तेल और गैस उत्पादन में क्रमशः 11 प्रतिशत और 15 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है।आपको बता दे कि, भारत, दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक और उपभोक्ता, अपनी घरेलू मांग को पूरा करने के लिए वैश्विक बाजार में विभिन्न स्रोतों से कच्चे तेल पर निर्भर है।
ओएनजीसी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा ही कि, ओएनजीसी ने 7 जनवरी 2024 को कृष्णा गोदावरी डीप-वॉटर ब्लॉक 98/2 (बंगाल की खाड़ी में) से एफपीएसओ में अपना पहला तेल प्रवाह शुरू किया, जो परियोजना के चरण -2 के पूरा होने के करीब है। चरण-3, जिससे चरम तेल और गैस उत्पादन होता है, पहले से ही चल रहा है और जून 2024 में समाप्त होने की संभावना है। 98/2 परियोजना से ओएनजीसी के कुल तेल और गैस उत्पादन में क्रमशः 11 प्रतिशत और 15 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है।