फ्लेक्स-फ्यूल, इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहनों ने भारतीय ऑटोमोटिव लॉन्च में बनाया अपना दबदबा: रिपोर्ट

नई दिल्ली : भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग में उल्लेखनीय परिवर्तन देखने को मिल रहा है, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी), फ्लेक्स-फ्यूल मॉडल और सीएनजी से चलने वाले वाहन हाल ही में लॉन्च में प्रमुख स्थान पर हैं। फिलिप कैपिटल की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि, ये वैकल्पिक ईंधन वाहन यात्री और दोपहिया दोनों ही सेगमेंट में तेजी से बदलाव ला रहे हैं, जो उपभोक्ता और उद्योग की प्राथमिकताओं में बड़े बदलाव का संकेत है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि, हाल ही में दिल्ली में संपन्न भारत मोबिलिटी ऑटो ओईएम एक्सपो ने भी ऑटोमेकर्स की रणनीतियों में महत्वपूर्ण बदलाव दिखाया, जिसमें वैकल्पिक ईंधन वाहनों पर जोर दिया गया। इसमें कहा गया है कि, भारत मोबिलिटी ऑटो ओईएम एक्सपो ने वैकल्पिक ईंधन वाहनों की ओर ऑटोमेकर्स के फोकस में महत्वपूर्ण बदलाव दिखाया। इलेक्ट्रिक वाहन, फ्लेक्स-फ्यूल और सीएनजी मॉडल यात्री और दोपहिया दोनों ही सेगमेंट में लॉन्च में हावी रहे।

रिपोर्ट के अनुसार, एसयूवी, इलेक्ट्रिक वाहनों और हाइब्रिड मॉडल की बढ़ती लोकप्रियता के कारण भारत में ऑटोमोटिव सेक्टर में उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है। वाहन निर्माता इन क्षेत्रों में कई लॉन्च की योजना बना रहे हैं, ताकि बाजार की उभरती मांगों को पूरा किया जा सके।उद्योग में चल रहे प्रीमियमाइजेशन ट्रेंड ने प्रतिस्पर्धी कीमतों पर प्रभावशाली डिजाइन भी पेश किए हैं, जिससे नए मॉडलों की अपील और बढ़ गई है।

रिपोर्ट की एक मुख्य बात यह है कि, प्रमुख वाहन निर्माता ईवी अपनाने से संबंधित चिंताओं को दूर करने पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। उच्च अग्रिम लागत, ड्राइविंग-रेंज चिंता और सीमित चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे मुद्दों को अभिनव समाधानों और बेहतर पेशकशों के माध्यम से निपटाया जा रहा है। इन प्रयासों से ग्राहकों का विश्वास बढ़ने और शोरूम में ग्राहकों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है।

इसके अतिरिक्त, प्रीमियमाइजेशन ट्रेंड के परिणामस्वरूप औसत बिक्री मूल्य में वृद्धि होने की संभावना है, जिससे समग्र बाजार को लाभ होगा। नए लॉन्च से न केवल शोरूम में ग्राहकों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि प्रीमियमाइजेशन के कारण औसत बिक्री मूल्य में भी वृद्धि होगी। उल्लेखनीय रूप से, आगामी कॉर्पोरेट औसत ईंधन अर्थव्यवस्था (CAFE-3) मानदंडों ने ईवी क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को तेज कर दिया है, जिससे वाहन निर्माता उन्नत और ऊर्जा-कुशल वाहन पेश करने के लिए प्रेरित हुए हैं।

एसयूवी और इलेक्ट्रिक वाहनों के अग्रणी होने के साथ, भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग एक नए युग की शुरुआत कर रहा है। हाइब्रिड वाहनों के भी लोकप्रिय होने की उम्मीद है, जिससे उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध विकल्पों की विविधता बढ़ेगी।जैसे-जैसे ये रुझान जारी रहेंगे, भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार का भविष्य रोमांचक और टिकाऊ दोनों ही नज़र आएगा।

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