कोल्हापुर / सांगली/ सातारा : चीनी मंडी
पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश के कारण कोल्हापुर, सांगली में कई नदियां उफान पे है। बारिश के कारण कोल्हापुर में स्कूलों को मंगलवार और बुधवार को छुट्टी दी गई है। पंचगंगा, कृष्णा, कोयना और वारणा जैसी सभी चार नदियों में बाढ़ के कारण कई गांवों का संपर्क टूट गया है। कोल्हापुर शहर पानी में डूब गया है और जिले में 50 से जादा गावों में कई हजार लोग बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए है।
पंचगंगा नदी में बाढ़ आने से पुणे-बैंगलोर हाईवे पर पानी भर गया है। पुणे- बैंगलोर हाईवे पर पाणी आने से यातायात पूरी तरह ठप्प हो चुकी है।पंचगंगा नदी का पानी 3 जुलाई, 1979 को पंचगंगा अस्पताल के मारुति मंदिर में आया था। अब तक बाढ़ का पानी कभी नहीं आया था।5 जुलाई 2019 को बाढ़ का पुराना रिकॉर्ड भी टूट गया है और हालात काफी गंभीर हुए है।
शिरोल, हातकनगले, करवीर, राधानगरी, पन्हाला, शाहूवाड़ी और अन्य के छह तालुका के पांच हजार से अधिक नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है। पंचगंगा में बाढ़ से प्रभावित २०० से अधिक परिवार सुरक्षित हो गए हैं। कुछ ४६ गांवों में बिजली की आपूर्ति भी काट दी गई है।रेल्वे, बस और निजी परिवहन सेवा ठप्प हुई है। इसके अलावा, कोल्हापुर शहर के न्यू पैलेस के पीछे सन सिटी में, आधी रात से 500 से अधिक नागरिक बाढ़ के पानी में फंसे हुए हैं। नतीजतन, शहर में फंसे लोगों को बचाने के लिए एनडीआरएफ की दो टुकडियां शहर में पहुंची है।
सांगली, सातारा में बाढ़ से खतरा…
कृष्णा और वारणा नदियों को बाढ़ आने से सांगली जिले में हालात काफ़ी गंभीर हुए हैं। हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया जा है। जिले में लगभग 107 गांवों से संपर्क टूट चूका है। सांगली-इस्लामपुर मार्ग बंद हुआ है। सातारा जिले का पश्चिमी हिस्सा भी बाढ़ की चपेट में आ गया है। कोयना नदी खतरे के स्तर को पार कर गई है। बाढ़ के बारे में कई अफवाहें फैलाई जा रही है। अफवाहों पर किसी को विश्वास नहीं करना चाहिए। अफवाह फैलाने वाले पाए जाने पर जिला प्रशासन द्वारा कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है।
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