सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में किसान उत्पादक संगठनों को बढ़ावा देने के बारें में जानकारी दी।
भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय की पहल पर केंद्रीय क्षेत्र की योजना – 10,000 एफपीओ का गठन और संवर्धन के तहत पीएसीएस को मजबूत बनाए जाने के माध्यम से सहकारी क्षेत्र में एफपीओ के गठन और संवर्धन के लिए भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम को 1100 अतिरिक्त किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का लक्ष्य आवंटित किया गया है।
एफपीओ योजना के तहत प्रत्येक एफपीओ को 33 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इसके अलावा, एफपीओ को बढ़ावा देने और उन्हें सहायता प्रदान करने के लिए क्लस्टर आधारित व्यवसाय संगठन (सीबीबीओ) को प्रति एफपीओ 25 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। एफपीओ और पीएसीएस के बीच उनके उत्पादों के पिछले और आगे के एकीकरण के लिए बाजार संपर्क विकसित किए जा रहे हैं। यह पहल किसानों को आवश्यक बाजार संपर्क प्रदान करके उनके उत्पादों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करेगी।
एफपीओ का गठन मौजूदा पीएसीएस के सदस्यों के साथ किया जाना है, इस प्रकार, एफपीओ और पीएसीएस के बीच बाजार संबंध विकसित किए जाएंगे। इससे पीएसीएस के साथ-साथ उनके सदस्यों को भी अपनी उपज के बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इससे पीएसीएस को अपने व्यवसाय का विस्तार करने में भी मदद मिलेगी। एफपीओ मूल्य संवर्धन/प्रसंस्करण गतिविधियों के संबंध में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और एफपीओ के इस व्यवसाय के लिए पीएसीएस कच्चे माल का प्रमुख स्रोत होंगी। इससे पीएसीएस को आय के नए और स्थिर स्रोत बनाने में मदद मिलेगी।
(Source: PIB)