नई दिल्ली: खाद्य मंत्रालय जल्द ही चीनी बफर स्टॉक सब्सिडी योजना के विस्तार के लिए एक कैबिनेट नोट जारी करेगा। 31 जुलाई को समाप्त हुई इस योजना के तहत, 40 लाख टन चीनी का बफर स्टॉक बनाया गया था, जिसके लिए सरकार ने चीनी मिलों को लगभग 1,674 करोड़ रुपये की वहन लागत की प्रतिपूर्ति की है।
आपको बता दे, चीनी मिलों की तरलता की स्थिति में सुधार के लिए अगस्त 2018 में यह योजना शुरू की गई थी, जिससे वे किसानों के गन्ने के बकाया भुगतान कर सकें और स्थानीय चीनी मूल्य को स्थिर कर सकें।
न्यूज़ एजेंसी PTI के मुताबिक, खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने कहा है की खाद्य मंत्रालय जल्द चीनी बफर स्टॉक सब्सिडी योजना का विस्तार अगले साल तक करने के लिए कैबिनेट नोट जारी करेगा। उन्होंने आगे कहा, “नीति आयोग के तहत एक टास्क फोर्स ने चीनी पर बफर स्टॉक सब्सिडी समाप्त करने की सिफारिश की है। इस बारे में निर्णय मंत्रिमंडल करेगा। मंत्रालय इस पर कैबिनेट नोट जारी करेगा।’’
उन्होंने बताया कि नीति आयोग के कार्यबल ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और 10-12 सिफारिशें की हैं। इनमें से एक सिफारिश बफर स्टॉक योजना को समाप्त करने के बारे में है। इस योजना को समाप्त किया जाए या विस्तार किया जाए, इसका फैसला केंद्रीय मंत्रिमंडल करेगा।
इस बीच, नेशनल फेडरेशन ऑफ को-ऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज ने बफर स्टॉक योजना का विस्तार करने की मांग की है।
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