खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) के सचिव श्री सुधांशु पांडे ने मंजरी गांव में वसंतदादा चीनी संस्थान (वीएसआई) का दौरा किया।
अपने इस दौरे के दौरान, सचिव ने गन्ना उद्योग के विभिन्न उत्पादों और उप-उत्पादों को विकसित करने के लिए परिसर में स्थापित एनएबीएल मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं के कामकाज की समीक्षा की। उन्होंने संस्थान की अनुसंधान और विकास गतिविधियों और तकनीकी सहायता के माध्यम से चीनी उद्योग के विकास में इसके योगदान के लिए संस्थान के कामकाज की भी प्रशंसा की। गौरतलब है कि संस्थान उद्योग के विभिन्न उत्पादों के लिए एफएसएसएआई के अंतर्गत प्रमाणन जारी करता है।
वीएसआई ने कई चीनी मिलों, विशेष रूप से महाराष्ट्र में सहकारी क्षेत्र में परामर्श सेवाएं प्रदान करके महाराष्ट्र में चीनी उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस प्रकार वीएसआई ने 137 लाख मीट्रिक टन से अधिक चीनी के उत्पादन और प्रति वर्ष लगभग 225 करोड़ लीटर इथेनॉल की क्षमता के साथ महाराष्ट्र को भारत का शीर्ष चीनी और इथेनॉल उत्पादक राज्य बनाने में सही मायनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
यह ध्यान देने योग्य है कि महाराष्ट्र में सहकारी चीनी कारखानों के गन्ना उत्पादक सदस्यों द्वारा स्थापित संस्थान, 385 एकड़ क्षेत्र में फैला है और एक ही स्थल पर चीनी उद्योग से संबंधित सभी वैज्ञानिक, तकनीकी और शैक्षिक कार्य करता है। यह तीन मुख्य माध्यमों जैसे अकादमिक, विस्तार और अनुसंधान एवं विकास के माध्यम से संचालित होता है। सचिव महोदय ने वीएसआई के भीतर सभी प्रमुख विभागों और अनुसंधान प्रयोगशालाओं का भी दौरा करते हुए चीनी क्षेत्र और इथेनॉल कार्यक्रम के मुख्य पहलुओं पर चर्चा और इसकी समीक्षा की।
यात्रा के दौरान वीएसआई टीम द्वारा वीएसआई के इतिहास, इसके समग्र संगठनात्मक कामकाज, विभिन्न क्षेत्रों में चल रहे शोध कार्य और उपलब्धियों पर एक प्रस्तुति भी दी गई।
इस अवसर पर महाराष्ट्र सरकार के चीनी आयुक्त श्री शेखर गायकवाड़, सेवानिवृत्त आईएएस श्री शिवाजीराव देशमुख, वीएसआई के महानिदेशक श्री संभाजी कडुपाटिल, सेवानिवृत्त आईएएस, वीएसआई के ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।