नई दिल्ली : पहली बार भारत ने चीनी आधारित फीडस्टॉक की तुलना में अनाज, खासकर मक्का से अधिक एथेनॉल उत्पादन हासिल किया है, जो जैव ईंधन के उत्पादन के लिए चीनी के उपयोग पर सरकारी सीमा के कारण संभव हुआ है। लाइव मिंट में प्रकाशित खबर के मुताबिक, डेटा तक पहुँच रखने वाले दो अधिकारियों ने कहा कि, मौजूदा एथेनॉल-आपूर्ति वर्ष (नवंबर 2023-अक्टूबर 2024) में अब तक अनाज आधारित एथेनॉल की हिस्सेदारी लगभग 51% है।
9 जून तक, 357.12 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन किया गया है। जिसमे चीनी आधारित फीडस्टॉक- गन्ने का रस, बी-हैवी मोलासेस और सी-हैवी मोलासेस से 175.74 करोड़ लीटर और अनाज आधारित फीडस्टॉक- भारतीय खाद्य निगम के पास उपलब्ध क्षतिग्रस्त खाद्यान्न, अधिशेष चावल और मक्का से 181.38 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन किया गया है। अधिकारी ने कहा कि, अकेले मक्का ने 110.82 करोड़ लीटर का योगदान दिया है। देश ने आपूर्ति वर्ष 2022-23 में 1,350 करोड़ लीटर अक्षय ईंधन का उत्पादन किया, जिसमें से 37.4% या 505 करोड़ लीटर अनाज से आया। भारत ने 9 जून तक पेट्रोल के साथ 12.7% एथेनॉल मिश्रण हासिल कर लिया है, जबकि चालू वर्ष के लिए लक्ष्य 15% है।
सरकार ने E20 पेट्रोल प्राप्त करने के लिए 2025-26 की समय सीमा तय की है, और चीनी आधारित फीडस्टॉक पर अपनी निर्भरता को कम करने के लिए एथेनॉल उत्पादन के स्रोतों में विविधता लाने की कोशिश कर रही है।